
देश की सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में अगले कुछ दिनों में बड़ा राजनीतिक फेरबदल देखने को मिल सकता है। उपराष्ट्रपति पद के अचानक खाली होने और लंबे समय से लंबित पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर जल्द ही अहम निर्णय लिए जाने की संभावना है। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद इन दोनों प्रमुख पदों को लेकर शीर्ष नेतृत्व की बैठक हो सकती है।
एक साथ हो सकता है दोनों पदों पर फैसला
भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया काफी समय से रुकी हुई थी, हालांकि संकेत मिल रहे थे कि नेतृत्व इस दिशा में जल्द कदम उठाएगा। लेकिन अब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे के बाद स्थिति और संवेदनशील हो गई है। ऐसे में दोनों पदों को लेकर एक साथ निर्णय लिए जाने की संभावना है।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा और आरएसएस दोनों इस मसले पर विचार-विमर्श कर रहे हैं और जल्द ही किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं। दोनों पदों की प्रक्रिया अलग-अलग है, लेकिन नेतृत्व इन दोनों नियुक्तियों में सामंजस्य बैठाने की रणनीति पर काम कर रहा है।
उपराष्ट्रपति पद के लिए गैर-मंत्री, लेकिन अनुभवी नाम पर विचार
उपराष्ट्रपति पद के लिए भाजपा द्वारा उम्मीदवार तय किया जाएगा, लेकिन इसकी जानकारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सहयोगी दलों को भी दी जाएगी। संभावना है कि यह उम्मीदवार वर्तमान मंत्री या लोकसभा सदस्य न होकर कोई अनुभवी नेता होगा जो संसद का सदस्य रहा हो या है। इस चयन में राजनीतिक संतुलन, जातीय समीकरण और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व जैसे बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
भाजपा अध्यक्ष पद पर ओबीसी चेहरे की संभावना
पार्टी अध्यक्ष पद को लेकर भी राजनीतिक संकेत स्पष्ट हैं। भाजपा नेतृत्व इस पद पर ऐसा चेहरा लाने की कोशिश में है जो न केवल संगठन के लिहाज से मजबूत हो, बल्कि सामाजिक समीकरणों को भी साध सके। अनुमान लगाया जा रहा है कि पार्टी ओबीसी समुदाय से आने वाले किसी प्रभावशाली नेता को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंप सकती है।
वहीं उपराष्ट्रपति पद के लिए अगड़ी जाति या अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़ी किसी सशक्त हस्ती पर भी चर्चा चल रही है, जिससे पार्टी व्यापक सामाजिक संदेश दे सके।
अगले 15 दिनों में बड़ा ऐलान संभव
जानकारी के मुताबिक अगले पखवाड़े में दोनों पदों को लेकर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। उपराष्ट्रपति पद के चुनाव से जुड़ी अधिसूचना भी अगले सप्ताह जारी होने की संभावना है। ऐसे में पार्टी के भीतर और राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है।