महबूबा मुफ्ती का केंद्र पर तीखा हमला: “तालिबान से हाथ मिला रहे हैं, लेकिन अपने ही मुसलमानों से दुश्मनी क्यों?”

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के भारत दौरे को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार विदेश में तालिबान का स्वागत कर रही है, लेकिन अपने ही देश के मुसलमानों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाए हुए है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, “आप तालिबान को आतंकवादी बताते थे, लेकिन अब उनका हाथ जोड़कर स्वागत कर रहे हैं। अगर अफगानिस्तान के साथ अच्छे संबंध बनाना देश के हित में है तो यह स्वागत योग्य कदम है। मगर पहले अपने देश के मुसलमानों के साथ इंसाफ करना चाहिए — उनकी मस्जिदें और स्कूलें तोड़ने की बजाय उनके दिल जीतने चाहिए।”
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लोगों की “जिंदगी तबाह” कर दी है। मुफ्ती ने कहा कि जिस जम्मू-कश्मीर ने भारत के साथ जुड़ने का फैसला किया था, आज वही इलाका उपेक्षा का शिकार है।
भाजपा पर मुस्लिम विरोधी नीतियों का आरोप
महबूबा मुफ्ती ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में भाजपा पर मुस्लिम आबादी को निशाना बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा, “‘लव जिहाद’, ‘जमीन जिहाद’, ‘वोट जिहाद’ और ‘गाय जिहाद’ जैसे अभियानों के जरिए भाजपा ने बार-बार देश की मुस्लिम आबादी को बदनाम किया है। वहीं अब वही सरकार तालिबान जैसे समूह से रिश्ते सुधारने में लगी है, जिसे कभी आतंकवादी संगठन कहा जाता था।”
महबूबा ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान के साथ सहयोग बढ़ाना रणनीतिक दृष्टि से उपयोगी हो सकता है, लेकिन यह नीति विरोधाभासी है, क्योंकि भारत की अपनी मुस्लिम आबादी को “व्यवस्थित रूप से हाशिये पर धकेला जा रहा है।”
शिक्षा और अल्पसंख्यक अधिकारों पर उठाए सवाल
पीडीपी प्रमुख ने सरकार पर आरोप लगाया कि मुस्लिम छात्रों के लिए छात्रवृत्तियां रद्द करना और मदरसे बंद करना सरकार की दोहरी नीति को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि भाजपा अफगानिस्तान में शैक्षिक सहायता की बात कर रही है, जबकि देश के अंदर अल्पसंख्यक छात्रों के अधिकारों को सीमित किया जा रहा है।
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महबूबा मुफ्ती ने कहा, “भारत की स्थिरता और सामाजिक सौहार्द की असली नींव अपने सीमाओं के भीतर विश्वास, सम्मान और समानता पर टिकी है। अगर आप अपने अल्पसंख्यकों के दिल नहीं जीत सकते, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भरोसा कायम नहीं रह सकता।”
महबूबा ने अपने बयान के अंत में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा, “उम्मीद है कि बुलडोज़र बाबा सुन रहे होंगे।” उनका इशारा यूपी में चल रही बुलडोज़र राजनीति और अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित कार्रवाइयों की ओर था।