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शहीदों को समर्पित ‘सफर-ए-शहादत’ में शहर पहुंचेंगे पंथ प्रचारक डॉ सुखप्रीत सिंह उधोके

सिख संगत से अपील शहीदी सप्ताह में न आयोजित करें उत्सव के कार्यक्रम: भगवान सिंह

जमशेदपुर।हर वर्ष सिख समुदाय चारों साहिबजादों, माता गुजर कौर और अनेक कौमी शहीदों की याद में 21 दिसंबर से 27 दिसंबर तक शहीदी सप्ताह के रूप में मानते हैं। शहीदी सप्ताह ‘सफर-ए-शहादत’ के मद्देनजर अगामी 22 और 23 दिसंबर को मानगो गुरुद्वारा जबकि 24 से 27 दिसंबर तक साकची गुरुद्वारा साहिब में महान कीर्तन दरबार के आयोजन के साथ-साथ सिख पंथ के प्रचारक सुखप्रीत सिंह उधोके शहीदी गाथा को कथा के रूप में प्रस्तुत करेंगे।
वहीँ सोमवार को सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह ने सिख संगत से अपील की है कि शहीदी सप्ताह के दौरान किसी भी तरह के उत्सव के कार्यक्रम आयोजित न करें, यही शहीदों के चरणों में सच्ची श्रद्धांजलि होगी।


गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, मानगो, समूह साध संगत और गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी, साकची के सहयोग से आयोजित होने वाले ‘सफर-ए-शहादत’ सप्ताह के आयोजन पर विस्तृत जानकारी देते हुए मानगो गुरुद्वारा के महासचिव जसवंत सिंह जस्सू ने बताया कि 22 दिसंबर को तड़के एक शोभा यात्रा का आयोजन किया जायेगा जो की मानगो गुरुद्वारा से शुरू होकर डिमना रोड से गुजरते हुए गोल्डी होटल गोलचक्कर से मस्जिद रोड होती हुई वापस मानगो गुरुद्वारा में समाप्त होगी।
इसी दिन सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक मानगो गुरुद्वारा में रक्तदान शिविर लगाया जायेगा जबकि शाम के दीवान में सहज पाठ की समाप्ति की जाएगी जिसका सारा क्रियाकलाप बीबियों द्वारा किया जायेगा। 23 दिसंबर को सोधर से लेकर समाप्ति तक सभी नियम बच्चों द्वारा सम्पादित किये जायेंगे।


जस्सू ने बताया कि ‘सफर-ए-शहादत’ को जारी रखते हुए आगे के विशेष कार्यक्रम साकची गुरुद्वारा मैदान में 24 से 27 दिसंबर तक शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक आयोजित किये जायेंगे जहाँ जमशेदपुर के कीर्तनीये संगत को सबद कीर्तन से निहाल करेंगे। विशेष आमत्रण पर ‘सफर-ए-शहादत’ का हिस्सा बनने के लिए पंथ के महान प्रचारक सुखप्रीत सिंह उधोके विशेष तौर पर पंजाब से जमशेदपुर पहुंच रहें है जो साहिबजादों, माता गुजर कौर और अनेक सिख शहीद शख्सियतों की शहीदीगाथा को कथा के रूप में संगत के सामने प्रस्तुत करेंगे।
सरदार भगवान सिंह और जसवंत सिंह जस्सू ने अपील करते हुए कहा कि गुरु रूप संगत स्वयं ‘सफर-ए-शहादत’ में हाजरी भरें तथा साथ ही अपने बच्चों और अन्य को शहीदी सप्ताह में शामिल होने के लिए प्रेरित करें ताकि वे सिखों के इतिहास के अवगत हो सकें। ‘सफर-ए-शहादत’ इतिहास ज्ञान, कीर्तन दरबार, कथा, प्रचार का ज्ञान अर्जित करने आयी संगत के लिए गुरु का अटूट लंगर बरताया जायेगा।
गौरतलब है कि ज्ञानी सुखप्रीत सिंह उधोके एक प्रसिद्ध सिख धर्म प्रचारक और इतिहासकार हैं। वह सिख इतिहास, धर्म और संस्कृति के अध्ययन और प्रचार में गहरी रुचि रखते हैं। एक चिकित्सक के रूप में उनकी शुरुआत हुई, लेकिन उन्होंने सिख धर्म और इतिहास पर शोध को अपना जीवन समर्पित कर दिया।

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Author: newsmedia kiran.com

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