
Railway Claim Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार में बड़ी कार्रवाई करते हुए रेलवे के सहायक इंजीनियर और उनकी पत्नी की 7 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। यह कार्रवाई पटना रेलवे दावा न्यायाधिकरण घोटाले से जुड़ी है। ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।
रेलवे घोटाले में क्या हुआ?
ईडी की जांच में पता चला कि रेलवे दावा न्यायाधिकरण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई। इस घोटाले में दावेदारों के बैंक खातों से 10.27 करोड़ रुपये वकीलों के खातों में ट्रांसफर किए गए। सहायक रेलवे इंजीनियर और उनकी पत्नी ने इस गलत तरीके से कमाए पैसे से पटना, नालंदा, गया और नई दिल्ली में 24 संपत्तियां खरीदीं। इन संपत्तियों की कीमत 7 करोड़ रुपये बताई गई है। ईडी ने इन संपत्तियों को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत जब्त किया।
ईडी की कार्रवाई और गिरफ्तारी
इस मामले में ईडी ने पहले जनवरी में पटना और नालंदा में छापेमारी की थी। इस दौरान तीन वकीलों विद्यानंद सिंह, परमानंद सिन्हा और विजय कुमार को गिरफ्तार किया गया। ये सभी अभी जेल में हैं। ईडी ने पाया कि वकीलों ने दावेदारों के नाम पर फर्जी बैंक खाते खोले और उनके हस्ताक्षर का गलत इस्तेमाल कर पैसा अपने खातों में डाला। इस घोटाले में असली दावेदारों को बहुत कम पैसा मिला, जबकि बाकी रकम गलत हाथों में चली गई। ईडी ने कोर्ट में इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल की है।
Railway Claim Scam: बिहार में सियासी हलचल
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले यह कार्रवाई सियासी चर्चा का विषय बन गई है। लोग इस घोटाले को लेकर सरकार और रेलवे प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं। ईडी ने कहा कि जांच अभी जारी है और जल्द ही और खुलासे हो सकते हैं। लोगों से अपील है कि वे इस मामले में अफवाहों पर ध्यान न दें और आधिकारिक सूत्रों से जानकारी लें। यह कार्रवाई बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा कदम माना जा रहा है।