लखनऊ से ब्रह्मोस की पहली खेप रवाना: राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ दिखाएंगे हरी झंडी

शनिवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी में एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिलेगा, जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में नवस्थापित ब्रह्मोस एयरोस्पेस इकाई से तैयार सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल की पहली खेप को हरी झंडी दिखाएंगे। यह आयोजन उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC) की सफलता का प्रतीक है और भारत के ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। यह इकाई, जो मई 2025 में शुरू हुई थी, मिसाइल के डिजाइन, निर्माण और अंतिम परीक्षण तक की पूरी प्रक्रिया स्वदेशी रूप से संचालित कर रही है। इस परियोजना से न केवल रक्षा क्षेत्र में भारत की ताकत बढ़ेगी, बल्कि यूपी में हजारों नौकरियां और करोड़ों का राजस्व भी सृजित होगा।
ब्रह्मोस: दुनिया की सबसे तेज मिसाइल
ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, जो भारत और रूस की संयुक्त तकनीक का परिणाम है, अपनी 2.8 मैक (लगभग 3500 किमी/घंटा) की रफ्तार और अचूक मारक क्षमता के लिए जानी जाती है। 290 किलोमीटर की रेंज वाली यह मिसाइल जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च हो सकती है, जो इसे नौसेना, थलसेना और वायुसेना के लिए बहुमुखी बनाती है। लखनऊ की नई इकाई में इसका उत्पादन शुरू होना रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और ब्रह्मोस एयरोस्पेस की स्वदेशी क्षमता को दर्शाता है। इस इकाई में बूस्टर डॉकिंग और सिम्युलेटर टेस्टिंग जैसी जटिल प्रक्रियाएं भी पूरी हो रही हैं, जिनका अवलोकन राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि यह भारत को वैश्विक रक्षा निर्यात में अग्रणी बनाएगा, जहां पहले ही कई देश ब्रह्मोस की खरीद में रुचि दिखा चुके हैं।
यूपी के लिए आर्थिक बूम
लखनऊ की ब्रह्मोस इकाई से न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ रही है, बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिल रही है। इस परियोजना से 5000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुए हैं, जिनमें स्थानीय इंजीनियर्स, तकनीशियन और युवाओं की भारी भागीदारी है। आयोजन के दौरान, ब्रह्मोस एयरोस्पेस के अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री योगी को एक सांकेतिक जीएसटी बिल और चेक सौंपा जाएगा, जो इस परियोजना से राज्य को होने वाले राजस्व का प्रतीक है। अनुमान है कि यह इकाई यूपी को सालाना सैकड़ों करोड़ रुपये का राजस्व देगी, जो सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में निवेश को बढ़ाएगा। योगी सरकार ने इसे ‘मेक इन यूपी’ का सबसे बड़ा उदाहरण बताया, जो 2024 में शुरू हुए UPDIC के तहत छह नोड्स—लखनऊ, कानपुर, झांसी, अलीगढ़, आगरा और चित्रकूट—में निवेश को आकर्षित कर रहा है।
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बूस्टर डॉकिंग और सिम्युलेटर का जायजा
रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री इस मौके पर ब्रह्मोस मिसाइल की बूस्टर डॉकिंग प्रक्रिया का निरीक्षण करेंगे, जो मिसाइल के प्रणोदन तंत्र को जोड़ने का जटिल चरण है। इसके अलावा, सिम्युलेटर उपकरणों का प्रदर्शन भी होगा, जो पायलटों और ऑपरेटरों को मिसाइल के संचालन का प्रशिक्षण देता है। यह प्रक्रिया भारत की स्वदेशी तकनीकी क्षमता को दर्शाती है, जो पहले विदेशी सहायता पर निर्भर थी। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, लखनऊ इकाई में 100% स्वदेशी उत्पादन शुरू होने से भारत की रक्षा निर्यात क्षमता दोगुनी हो सकती है, खासकर दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य-पूर्व के देशों के लिए।



