Ranchi News: धनबाद में IMA कॉन्फ्रेंस, डॉक्टरों के लिए मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की जरूरत, झारखंड में डॉक्टरों की कमी पर चिंता
धनबाद में IMA कॉन्फ्रेंस में डॉक्टरों ने सुरक्षा के लिए मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग की।

Ranchi News: झारखंड के धनबाद शहर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया। यह एक दिवसीय कॉन्फ्रेंस थी, जो कोयला नगर के नेहरू परिसर में रविवार को हुई। कार्यक्रम में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग पर जोर दिया गया। छोटे शहरों और गांवों के लोग जो स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भर हैं, उनके लिए यह खबर महत्वपूर्ण है। आसान शब्दों में कहें तो, डॉक्टरों पर हमले बढ़ रहे हैं, जिससे झारखंड में अच्छे डॉक्टर कम हो रहे। IMA ने सरकार से अपील की कि डॉक्टरों को सुरक्षा दें।
मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट क्यों जरूरी?
IMA के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. एके सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से की। उन्होंने कहा कि झारखंड में डॉक्टरों पर लगातार हमले हो रहे हैं। इससे राज्य में डॉक्टरों की भारी कमी हो गई है। सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और निजी क्लिनिकों में अच्छे डॉक्टर नहीं मिल रहे। डॉ. सिंह ने बताया कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग लंबे समय से हो रही है। यह बिल विधानसभा में भी पेश हो चुका, लेकिन अभी तक कानून नहीं बना। उन्होंने कहा कि जब तक डॉक्टरों को मजबूत सुरक्षा और अच्छी सुविधाएं न मिलें, तब तक समस्या हल नहीं होगी। बड़े डॉक्टर झारखंड में काम करने से डरते हैं। ग्रामीण इलाकों में तो डॉक्टरों की कमी सबसे ज्यादा है, जहां लोग छोटी-छोटी बीमारियों से जूझते हैं।
कॉन्फ्रेंस में मुख्य चर्चाएं
कॉन्फ्रेंस में वैज्ञानिक सत्र भी हुए। धनबाद, बोकारो, रांची, देवघर और कोलकाता जैसे शहरों से सैकड़ों डॉक्टर आए। मुख्य विषय थे महिलाओं में तपेदिक (टीबी) और हृदय रोग। डॉ. रीना बरनवाल ने महिलाओं में टीबी की समस्या पर सरल भाषा में बताया। उन्होंने कहा कि महिलाएं टीबी के लक्षण छिपाती हैं, जिससे बीमारी बढ़ जाती। डॉ. विपिन सिन्हा ने हृदय रोग पर व्याख्यान दिया। बोले कि गांवों में लोग दिल की बीमारी को नजरअंदाज करते हैं, जिससे खतरा बढ़ता। सत्र में डॉक्टरों ने सवाल-जवाब भी किए। कार्यक्रम देर शाम तक चला। जिला अध्यक्ष डॉ. बीएन गुप्ता, सचिव डॉ. राकेश इंदर, डॉ. जे अभिषेक, डॉ. मेजर चंदन, डॉ. परवेज आलम और डॉ. डीपी भूषण जैसे डॉक्टरों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
झारखंड में डॉक्टरों की कमी का असर
डॉ. एके सिंह ने चिंता जताई कि हमलों के डर से डॉक्टर राज्य छोड़ रहे। इससे गरीब लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे। ग्रामीण इलाकों में अस्पताल खाली पड़े हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट बने तो डॉक्टर सुरक्षित महसूस करेंगे। सरकार को जल्द कदम उठाना चाहिए। IMA ने कहा कि डॉक्टरों को सम्मान और सुरक्षा मिले तो स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी।
Ranchi News: डॉक्टरों ने की सरकार से अपील
IMA ने सरकार से अपील की कि एक्ट जल्द पास करें। कॉन्फ्रेंस से डॉक्टरों में जोश आया। झारखंड के लोग उम्मीद कर रहे कि डॉक्टरों की कमी दूर होगी। यह कॉन्फ्रेंस स्वास्थ्य सुधार का संकेत है।