'अन्नदाता' को सशक्त बनाने का यह संकल्प 2025 का सबसे बड़ा कृषि सुधार साबित होगा।
वाराणसी: योगी सरकार ने धान की रिकवरी में 1% की छूट देने की घोषणा की है, जो राइस मिलर्स और किसानों के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। इस फैसले से मिलर्स को धान की खरीद पर मिलने वाले पुराने 1% रिकवरी को हटा दिया गया है, जिससे उन्हें धान की खरीद पर राहत मिलेगी और किसानों को भी इसका सीधा लाभ होगा।
राइस मिलर्स को राहत: सरकार द्वारा दी गई इस छूट से राइस मिलर्स के लिए धान की खरीद आसान हो जाएगी। इससे वे किसानों को बेहतर दाम देने में सक्षम होंगे और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
किसानों को लाभ: धान की खरीद की प्रक्रिया में अब 1% रिकवरी नहीं होगी, जिसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा। इससे धान की बिक्री से किसानों को अधिक आय प्राप्त होगी और उनका आर्थिक सशक्तिकरण होगा।
कृषि क्षेत्र में उम्मीद: इस कदम से कृषि क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगी है, क्योंकि यह सीधे तौर पर किसानों और मिलर्स की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
योजना का उद्देश्य: योगी सरकार का यह कदम प्रदेश के कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों की आय दोगुनी करने के सरकारी लक्ष्य के अनुरूप है।
अन्य लाभ:
इस छूट से मिलों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और सरकारी धान खरीद प्रक्रिया में तेजी आएगी।
सरकार का अनुमान है कि इस कदम से प्रदेश में लगभग 2 लाख रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के लिए बाहर से चावल मंगवाने की आवश्यकता कम होगी, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर बचत होगी।
निष्कर्ष: आत्मनिर्भरता की नई शुरुआत
योगी सरकार का यह निर्णय केवल एक छूट नहीं, बल्कि कृषि क्रांति का आधार है। यह किसान, मिलर और राष्ट्र – तीनों को जोड़ता है। 167 करोड़ की प्रतिपूर्ति निवेश नहीं, बल्कि ‘अन्नदाता’ में विश्वास है। यदि पारदर्शी क्रियान्वयन हुआ, तो उत्तर प्रदेश चावल उत्पादन में विश्व नेता बनेगा। यह नीति अन्य राज्यों के लिए मॉडल बनेगी और भारत को खाद्य सुपरपावर बनाने में योगदान देगी।
आवश्यक कदम: तत्काल डिजिटल ट्रैकिंग शुरू करें, किसान हेल्पलाइन सक्रिय करें ,मिलर्स को ट्रेनिंग दें तिमाही समीक्षा करें, ‘अन्नदाता’ को सशक्त बनाने का यह संकल्प 2025 का सबसे बड़ा कृषि सुधार साबित होगा।