
बिहार: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए एक ऐतिहासिक फ़ैसला लिया है। उन्होंने रसोइयों, रात्रि प्रहरी और शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षकों सहित प्रमुख स्कूल कर्मचारियों का मानदेय दोगुना कर दिया है। लंबे समय से प्रतीक्षित इस वेतन वृद्धि का इन कर्मचारियों ने स्वागत किया है, जो लगातार बेहतर वेतन की माँग कर रहे हैं।
प्रमुख स्कूल कर्मचारियों का मानदेय दोगुना
सरकार के इस निर्णय में निम्नलिखित मानदेय वृद्धि शामिल हैं:
- रसोइया: मध्याह्न भोजन योजना में कार्यरत कर्मचारियों का मानदेय 1,650 रुपये से बढ़ाकर 3,300 रुपये कर दिया गया है।
- रात्रि प्रहरी: माध्यमिक और उच्च शिक्षा विद्यालयों में रात्रि प्रहरियों का मानदेय 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है।
- शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य प्रशिक्षक: उनका मानदेय 8,000 रुपये से बढ़ाकर 16,000 रुपये कर दिया गया है। उनकी वार्षिक वेतन वृद्धि भी 200 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये कर दी गई है।
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2005 से शिक्षा विकास पर ध्यान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ये बदलाव नवंबर 2005 में उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के व्यापक प्रयासों का हिस्सा हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा बजट में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2005 में 4,366 करोड़ रुपये से बढ़कर आज 77,690 करोड़ रुपये हो गया है।
सरकार ने शिक्षण कर्मचारियों का विस्तार करने, नए स्कूलों के निर्माण और शैक्षिक बुनियादी ढाँचे के विकास पर काम किया है, जिससे इस क्षेत्र के व्यापक सुधार में योगदान मिला है।
मनोबल और शिक्षा मानकों पर सकारात्मक प्रभाव
मुख्यमंत्री के अनुसार, इस निर्णय से न केवल इन कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि उनका मनोबल भी बढ़ेगा और वे अपने कर्तव्यों का अधिक उत्साह और समर्पण के साथ निर्वहन करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। उनकी महत्वपूर्ण भूमिकाओं को स्वीकार करते हुए, सरकार का लक्ष्य राज्य में स्कूलों का सुचारू संचालन और छात्रों का उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करना है।
बिहार के शिक्षा क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम
इस निर्णय को शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि बिहार के छात्रों के लिए बेहतर शैक्षिक वातावरण बनाने में इन कर्मचारियों के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता दी गई है।