
Bihar News: बिहार में वंशावली प्रमाण पत्र को और विश्वसनीय बनाने के लिए नगर निगम ने एक नया नियम लागू किया है। अब वंशावली पर न केवल स्थानीय पार्षद का हस्ताक्षर होगा, बल्कि तहसीलदार की मुहर भी जरूरी होगी। इस नए नियम के तहत नगर निगम ने एक नया फॉर्मेट भी जारी किया है, जिसका पालन सभी को करना होगा। यह कदम वंशावली से संबंधित धोखाधड़ी को रोकने और दस्तावेज की सत्यता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
वंशावली में क्यों जरूरी है तहसीलदार का हस्ताक्षर?
नगर निगम के इस नए नियम के अनुसार, वंशावली प्रमाण पत्र को आधिकारिक रूप से मान्यता देने के लिए तहसीलदार का हस्ताक्षर अनिवार्य होगा। पहले केवल पार्षद के हस्ताक्षर से काम चल जाता था, लेकिन अब तहसीलदार की मुहर से दस्तावेज की सत्यता और मजबूत होगी। इससे नकली वंशावली बनाने की घटनाओं पर रोक लगेगी। नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि यह कदम आम लोगों को पारदर्शी और भरोसेमंद सेवा देने के लिए उठाया गया है।
नया फॉर्मेट क्या है और इसे कैसे प्राप्त करें?
नगर निगम ने वंशावली के लिए एक नया फॉर्मेट तैयार किया है, जो सभी नगर निगम कार्यालयों और ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध है। इस फॉर्मेट में परिवार के सभी सदस्यों का विवरण, जैसे नाम, उम्र, और रिश्ता, स्पष्ट रूप से लिखना होगा। इसके साथ ही आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, या अन्य सरकारी दस्तावेज की कॉपी जमा करनी होगी। फॉर्म जमा करने के बाद, पार्षद और तहसीलदार दोनों इसे सत्यापित करेंगे। इस प्रक्रिया को पूरा करने में 7 से 10 दिन का समय लग सकता है।
नया फॉर्मेट आसान और समझने में सरल है, ताकि ग्रामीण और छोटे शहरों के लोग भी इसे आसानी से भर सकें। नगर निगम ने यह भी सुनिश्चित किया है कि फॉर्म मुफ्त में उपलब्ध हो, जिससे गरीब और कम पढ़े-लिखे लोग भी इसका लाभ उठा सकें।
लोगों के लिए क्या होगा फायदा?
इस नए नियम से आम लोगों को कई फायदे होंगे। सबसे बड़ा लाभ यह है कि वंशावली अब पूरी तरह से मान्य और सुरक्षित होगी। इसका उपयोग सरकारी योजनाओं, जमीन के दस्तावेज, और अन्य कानूनी कामों में आसानी से हो सकेगा। साथ ही, धोखाधड़ी की संभावना कम होने से लोग बिना किसी डर के अपनी वंशावली बनवा सकेंगे। नगर निगम ने यह भी घोषणा की है कि इस प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए जल्द ही एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया जाएगा। लोग इस नंबर पर कॉल करके वंशावली से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।