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लंदन की सड़कों पर डेढ़ लाख लोगों का प्रदर्शन, संसद भंग करने की मांग उठी

लंदन शनिवार को हाल के वर्षों के सबसे बड़े प्रवासी विरोधी प्रदर्शनों का गवाह बना। राजधानी की सड़कों पर करीब डेढ़ लाख लोग यूनियन जैक और सेंट जॉर्ज का झंडा लहराते हुए उतर पड़े। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की सरकार के खिलाफ नारे लगाए और हाथों में तख्तियां थाम रखीं जिन पर लिखा था— “सेंड देम होम” (उन्हें घर भेजो)। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसमें कई अधिकारी घायल हो गए।

इस विशाल रैली का आयोजन दक्षिणपंथी नेता टॉमी रॉबिन्सन ने किया था। उन्होंने इसे “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की लड़ाई” बताया। बताया जा रहा है कि हाल के वर्षों में यह ब्रिटेन की सबसे बड़ी दक्षिणपंथी भीड़ थी।

चौंकाने वाली बात यह रही कि अमेरिकी अरबपति एलन मस्क ने भी इस रैली को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लाइवस्ट्रीम के जरिए संबोधित किया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से “लड़ने या मरने” की अपील की और यहां तक कि ब्रिटेन की संसद को भंग करने का आह्वान किया।

कौन हैं टॉमी रॉबिन्सन?

41 वर्षीय टॉमी रॉबिन्सन का असली नाम स्टीफन याक्सली-लेनन है। वे 2009 में बनी इंग्लिश डिफेंस लीग के संस्थापक रहे हैं। यह संगठन प्रवासियों और इस्लाम विरोधी गतिविधियों के लिए कुख्यात रहा। 2013 में उन्होंने संगठन से इस्तीफा दिया, लेकिन ऑनलाइन प्रचार के जरिए अपनी पहचान बनाए रखी।

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रॉबिन्सन कई बार जेल जा चुके हैं। उन पर मारपीट, धोखाधड़ी और अदालत की अवमानना जैसे मामले दर्ज रहे हैं। 2018 में एक मुकदमे की लाइवस्ट्रीमिंग करने पर जेल हुई थी। 2024 में भी उन्हें एक सीरियाई शरणार्थी पर झूठे दावे दोहराने के लिए 18 महीने की सजा मिली।

वित्तीय संकट में फंसे रॉबिन्सन ने 2021 में दिवालियापन घोषित किया और माना कि उन्होंने जुए में बड़ी रकम गंवाई। उनके समर्थकों ने उन्हें हजारों पाउंड का चंदा दिया। सोशल मीडिया पर भी उनकी उपस्थिति विवादों में रही। ट्विटर (अब एक्स) पर 2018 में उन्हें बैन किया गया था, लेकिन एलन मस्क के अधिग्रहण के बाद उनका अकाउंट बहाल हो गया और अब उनके 10 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

ब्रिटेन में इस प्रदर्शन ने एक बार फिर प्रवासियों और दक्षिणपंथी राजनीति को लेकर नई बहस छेड़ दी है।

Vaibhav tiwari
Author: Vaibhav tiwari

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