Bihar Election 2025: भोजपुर की 7 सीटों पर दिलचस्प मुकाबला, कौन जीत सकता है मुकाबला?
भोजपुर की आरा, बड़हरा, तरारी समेत 7 सीटों पर NDA-महागठबंधन में टक्कर, दावेदार हुए सक्रिय

Bihar Election 2025: बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव आने वाले हैं। भोजपुर जिले की 7 सीटों पर मुकाबला बहुत रोमांचक होगा। एनडीए और महागठबंधन दोनों तरफ पार्टियां टिकट के लिए लड़ रही हैं। अभी सीटों का बंटवारा पूरा नहीं हुआ है। दावेदार मैदान में सक्रिय हो चुके हैं। यह चुनाव छोटे शहरों और गांवों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।
भोजपुर की 7 सीटें कौन-कौन सी हैं?
भोजपुर जिला आरा संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। यहां 7 विधानसभा सीटें हैं। ये हैं – आरा सदर, बड़हरा, संदेश, जगदीशपुर, अगिआंव, तरारी और शाहपुर। इन सीटों पर किसान, मजदूर और आम लोग वोट देते हैं। 2020 के चुनाव में इनमें से कुछ पर भाजपा और राजद ने जीत हासिल की थी। अब 2025 में नया खेल होगा।
2020 चुनाव में क्या हुआ था?
पिछले चुनाव में एनडीए ने आरा सदर और बड़हरा पर जीत ली। ये दोनों सीटें भाजपा के पास रहीं। तरारी और शाहपुर में हार मिली। लेकिन तरारी उपचुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की। अब भोजपुर में भाजपा के 3 विधायक हैं। जदयू ने संदेश, जगदीशपुर और अगिआंव से उम्मीदवार उतारे, लेकिन तीनों में हार गई। लोजपा उस समय एनडीए से बाहर थी। महागठबंधन में राजद ने संदेश, शाहपुर, जगदीशपुर और बड़हरा से लड़े। तीन पर जीत मिली। भाकपा माले को आरा सदर, अगिआंव और तरारी मिली। आरा सदर छोड़ दो सीटों पर जीत हुई। तरारी से सुदामा प्रसाद लोकसभा चले गए।
एनडीए और महागठबंधन में क्या बदलाव?
इस बार गठबंधन बदले हैं। मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी पहले एनडीए में थी, अब महागठबंधन में है। चिराग पासवान की लोजपा एनडीए में शामिल हो गई। इससे सीट बंटवारा मुश्किल हो गया। एनडीए में भाजपा बड़हरा, आरा सदर और तरारी को रखना चाहती है। शाहपुर उनकी पुरानी सीट है। लोजपा कम से कम एक सीट मांग रही। चिराग पासवान आरा में रैली कर चुके हैं। जदयू भी दावेदारी कर रही। महागठबंधन में राजद, भाकपा माले, कांग्रेस और विकासशील इंसान पार्टी सक्रिय हैं। राहुल गांधी आरा में रैली करेंगे। मुकेश सहनी सोन नदी के किनारे कार्यक्रम कर रहे हैं।
Bihar Election 2025: दावेदारों की दौड़ क्यों तेज?
टिकट मिलने से पहले ही दावेदार प्रचार शुरू कर चुके। भाजपा जिला अध्यक्ष दुर्गा राज कहते हैं कि उनकी सीटें मजबूत हैं। महागठबंधन में भी पार्टियां अपनी हिस्सेदारी चाहती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भोजपुर में वोटरों का झुकाव स्थानीय मुद्दों पर होगा। जैसे खेती, रोजगार और पानी की समस्या। यह चुनाव बिहार की राजनीति को नया मोड़ देगा।