https://whatsapp.com/channel/0029VajZKpiKWEKiaaMk4U3l
InternationalNational

अल्पसंख्यकों को राहत: बीजेपी का बड़ा दांव, नहीं जाना होगा बांग्लादेश ?

डेस्क: केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न झेलकर भारत आए हिंदू व अन्य अल्पसंख्यकों को 31 दिसंबर 2024 तक डिपोर्ट न करने का फैसला लिया है। भले ही उनके पास वैध दस्तावेज न हों, उन्हें देश छोड़ने पर मजबूर नहीं किया जाएगा। माना जा रहा है कि यह कदम पश्चिम बंगाल की राजनीति, खासकर 2026 विधानसभा चुनावों में बीजेपी के लिए बड़ा फायदा दे सकता है।

बीजेपी को क्यों दिख रहा है फायदा?

बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह फैसला तीन स्तरों पर असर डालेगा।

  1. सुरक्षा का भरोसा: पिछले वर्षों में बांग्लादेश से आए हिंदुओं को अब आश्वासन मिल गया है कि उन्हें जबरन नहीं भेजा जाएगा। इससे पार्टी खुद को हिंदुओं का रक्षक बताने में सक्षम होगी।

  2. चुनावी नैरेटिव: पार्टी का दावा है कि वह अपने वादे निभा रही है और अल्पसंख्यकों को स्थायी सुरक्षा दे रही है। प्रदेश अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने कहा कि अब सताए गए लोग भारत में रह पाएंगे और धीरे-धीरे नागरिक बनेंगे।

  3. मतुआ समाज पर असर: बंगाल की लगभग 60 सीटों पर निर्णायक मतुआ वोटर्स अब बीजेपी की ओर और झुक सकते हैं। केंद्रीय मंत्री शांंतनु ठाकुर ने कहा कि अमित शाह ने भरोसा निभाया और अब 90% मतुआ बीजेपी को समर्थन देंगे।

बीजेपी ने इसे 1947 के अधूरे वादे की पूर्ति बताया है। नेताओं ने आरोप लगाया कि नेहरू अल्पसंख्यकों को शरण देने का वादा निभाने में नाकाम रहे। वहीं, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों और मंदिरों को तोड़े जाने का हवाला देकर मोदी सरकार के फैसले को “न्याय” बताया जा रहा है।

बीजेपी का दावा है कि राजवंशी और अन्य हिंदू समुदायों को भी इस आदेश से राहत मिलेगी। पार्टी रणनीतिकार मानते हैं कि इसका असर सिर्फ बंगाल नहीं, बल्कि देशभर के प्रवासी हिंदू समुदायों वाले इलाकों में दिखेगा।

ये भी पढ़ें: Job News: एमएसपीसीएल, एमएसपीडीसीएल भर्ती प्रक्रिया रद्द, जल्द होंगी नई परीक्षाएं

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!