
Bihar News: बिहार के नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा को राजस्थान की एक कोर्ट ने नकली दवा मामले में दोषी करार दिया है। यह मामला 15 साल पुराना है और उनकी कंपनी, मेसर्स ऑल्टो हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड, से जुड़ा है। कोर्ट ने उन पर 7000 रुपये का जुर्माना लगाया और अच्छा व्यवहार करने की शर्त पर रिहा कर दिया।
नकली दवा मामले में क्या हुआ?
राजस्थान के राजसमंद कोर्ट ने जून 2025 में जीवेश मिश्रा को नकली दवाइयां बेचने के मामले में दोषी ठहराया। यह मामला 2010 का है, जब उनकी कंपनी पर नकली दवाएं बनाने और बेचने का आरोप लगा था। कोर्ट ने सुनवाई के बाद मिश्रा को 7000 रुपये का जुर्माना लगाकर रिहा कर दिया। इस फैसले के बाद बिहार की सियासत में हलचल मच गई है, क्योंकि विपक्ष ने उनके इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है।
Bihar News: मुद्दे को लेकर विपक्ष का हंगामा
कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने जीवेश मिश्रा के खिलाफ तीखा हमला बोला। कांग्रेस ने कहा कि नकली दवाओं से लोगों की जान खतरे में पड़ती है, इसलिए मिश्रा को तुरंत मंत्री पद से हटना चाहिए। RJD नेता तेजस्वी यादव ने भी नीतीश सरकार पर सवाल उठाए और पूछा कि क्या मुख्यमंत्री अब भी उन्हें बर्खास्त करेंगे या BJP के दबाव में चुप रहेंगे। सोशल मीडिया पर भी लोग इस मामले को लेकर गुस्सा जता रहे हैं।
जानें जीवेश मिश्रा ने क्या कहा?
जीवेश मिश्रा ने कहा कि यह मामला पुराना है और उनकी कंपनी का इसमें कोई गलत इरादा नहीं था। उन्होंने दावा किया कि कोर्ट ने उन्हें हल्का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया, जो उनके अच्छे आचरण को दर्शाता है। मिश्रा ने इस्तीफे की मांग को खारिज करते हुए कहा कि वह बिहार के विकास के लिए काम करते रहेंगे। BJP ने भी उनके पक्ष में बयान दिया है।