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Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने रक्षाकर्मियों के लिए कानूनी सेवा क्लिनिक शुरू किए, नालसा वीर परिवार सहायता योजना 2025 का शुभारंभ

झारखंड हाईकोर्ट की पहल, रक्षाकर्मियों के लिए कानूनी सेवा क्लिनिक शुरू, मुफ्त कानूनी सहायता मिलेगी।

Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तारलोक सिंह चौहान ने राज्य के सभी जिलों में रक्षाकर्मियों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए कानूनी सेवा क्लिनिकों का उद्घाटन किया है। यह पहल नालसा वीर परिवार सहायता योजना 2025 के तहत की गई है। साथ ही, 90 दिनों का जागरूकता अभियान भी शुरू हुआ, जिसका मकसद इन वीरों को तुरंत कानूनी मदद पहुंचाना है। उद्घाटन 13 सितंबर को रांची के केरकेट्टा ऑडिटोरियम में वर्चुअल तरीके से हुआ। इस मौके पर राज्य स्तर पर नेशनल लोक अदालत भी आयोजित की गई, जिसमें लाखों केस निपटाए गए।

यह योजना देश के वीर जवानों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ा कदम है। झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (झालसा) के संरक्षण में शुरू हुए ये क्लिनिक संविधान के अनुच्छेद 39ए के तहत मुफ्त कानूनी सहायता देंगे। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह सिर्फ समारोह नहीं, बल्कि राष्ट्र रक्षा करने वालों के प्रति न्यायपालिका का वादा है।

उद्घाटन समारोह की मुख्य बातें

उद्घाटन कार्यक्रम में झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद (झालसा के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन), जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी, जस्टिस संजय प्रसाद, मेजर जनरल सज्जन सिंह मान (23 इन्फैंट्री डिवीजन के जीओसी) और ब्रिगेडियर राज कुमार सेना मेडल (डिप्टी जीओसी) शामिल हुए। सभी जिलों के वरिष्ठ आर्मी अधिकारी, न्यायिक अधिकारी, डीआईजी-सीनियर सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस, रांची के डिप्टी कमिश्नर और डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटीज (डीएलएसए) के चेयरपर्सन व सेक्रेटरी वर्चुअल रूप से जुड़े।

क्लिनिकों और योजना का उद्देश्य

ये लीगल सर्विस क्लिनिक नालसा वीर परिवार सहायता योजना 2025 के तहत सभी जिलों में खोले गए हैं। इनका फोकस सर्विंग आर्मी पर्सनल, पूर्व सैनिकों और उनके आश्रित परिवारों को कानूनी मदद और अधिकारों की जानकारी देना है। 90 दिनों का अभियान जागरूकता फैलाएगा और ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों की पहचान करेगा।

यह योजना संविधान के मूल सिद्धांतों पर आधारित है, जो हर नागरिक को न्याय का हक देती है। रक्षाकर्मी जो देश की रक्षा करते हैं, उनके लिए मुफ्त कानूनी सलाह और मदद मिलेगी। इससे परिवारों की छोटी-मोटी कानूनी परेशानियां आसानी से सुलझेंगी।

नेशनल लोक अदालत का रिकॉर्ड

उद्घाटन के साथ ही राज्यभर में नेशनल लोक अदालत लगाई गई। करीब 288 बेंच गठित की गईं। इसमें 19,01,846 प्री-लिटिगेशन केस और 1,60,032 लंबित केस निपटाए गए। सेटलमेंट की रकम 9,24,93,44,880 रुपये रही। यह अदालतें आपसी समझ से विवाद सुलझाती हैं, जो आम अदालतों से तेज है।

योजना के फायदे

इस योजना से रक्षाकर्मियों को कई लाभ मिलेंगे। पहला, तुरंत कानूनी सलाह। दूसरा, मुकदमों में मुफ्त वकील। तीसरा, अधिकारों की जानकारी। झारखंड जैसे राज्य में जहां सैनिक परिवार ज्यादा हैं, यह वरदान साबित होगी। सरकार का कहना है कि इससे न्याय सबके पहुंच में आएगा।

Sanjna Gupta
Author: Sanjna Gupta

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