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अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद से ही वैश्विक व्यापार पर असर दिखने लगा

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद से ही वैश्विक व्यापार पर असर दिखने लगा

भारत-अमेरिका ट्रेड डील: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद से ही वैश्विक व्यापार पर असर दिखने लगा था, खासकर टैरिफ नीति को लेकर ट्रम्प के आक्रामक रुख के चलते पूरे विश्व में इसका असर दिखा। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर भी गतिरोध गहराता जा रहा है।

चीन से टैरिफ लड़ाई सुलझी, भारत से अब भी खिंचतान

हालांकि अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय तक चली टैरिफ जंग कुछ हद तक सुलझ चुकी है, लेकिन भारत और अमेरिका के बीच 10% टैरिफ को लेकर असहमति बरकरार है। जहां अमेरिका बेसलाइन टैरिफ को बनाए रखने पर अड़ा है, वहीं भारत चाहता है कि कुछ क्षेत्रों में यह टैक्स घटाकर शून्य कर दिया जाए।

राजेश अग्रवाल ने बढ़ाया अमेरिकी दौरा

सूत्रों के मुताबिक, टैरिफ पर समझौता न हो पाने के कारण भारत की ओर से मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल ने अपना अमेरिकी दौरा बढ़ा दिया है। उन्होंने 27 जून को वाशिंगटन पहुंचकर भारत-अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते के लिए वार्ता शुरू की थी। यह दौरा दोनों देशों के बीच व्यापारिक समीकरण तय करने के लिहाज़ से काफी अहम माना जा रहा है।

9 जुलाई से पहले समझौता होने की उम्मीद

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच लगातार बातचीत जारी है, और दोनों पक्ष 9 जुलाई से पहले इस डील को अंतिम रूप देने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इससे पहले ऐसी रिपोर्ट्स आई थीं कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर सहमति बन चुकी है, और 8 जुलाई को इसकी आधिकारिक घोषणा हो सकती है।

व्हाइट हाउस ने दिए रिश्तों के अच्छे संकेत

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने हाल ही में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच संबंध मजबूत हैं, और भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द सामने आ सकता है। लेविट ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप खुद इस डील पर अपडेट देने वाले हैं, जो दोनों देशों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।

विदेश मंत्री जयशंकर भी अमेरिका में मौजूद

इस बीच, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी अमेरिका दौरे पर हैं। वे मार्को रुबियो के निमंत्रण पर क्वाड (QUAD) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं, जिससे अमेरिका के साथ उच्च स्तरीय संपर्क और भी गहराने की उम्मीद है।

टैरिफ विवाद की पृष्ठभूमि

डोनाल्ड ट्रंप ने 2 जुलाई को विभिन्न देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ (प्रतिस्पर्धात्मक शुल्क) लागू कर दिया था। इसके बाद मचे अंतरराष्ट्रीय विवाद के बीच अमेरिका ने कुछ देशों को अस्थायी राहत भी दी थी।

भारत को लेकर अमेरिका ने 26% रेसिप्रोकल टैरिफ को 9 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया, लेकिन 10% बेसलाइन टैरिफ को बरकरार रखा गया, जो अब विवाद की जड़ बना हुआ है।

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