
Jharkhand News: झारखंड के गोड्डा जिले में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जहां 13 साल की मासूम बच्ची की मौत समय पर एंबुलेंस न पहुंचने के कारण हो गई। बच्ची छत से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गई थी, लेकिन तीन घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करने के बाद उसने दम तोड़ दिया। परिवार ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
जानें हादसा कैसे हुआ?
गुरुवार को गोड्डा के ठाकुर गंगटी में संतोष महतो की 13 साल की बेटी छत से खेलते समय गिर गई। गिरने से उसके पेट में सरिया घुस गया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गई। परिवार ने तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा को फोन किया, लेकिन तीन घंटे तक कोई मदद नहीं मिली। आखिरकार, परिवार बच्ची को गोड्डा सदर अस्पताल ले गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे रांची रेफर किया। लेकिन रास्ते में बच्ची की मौत हो गई।
परिवार का गुस्सा और सवाल
बच्ची के पिता संतोष महतो और परिवार वाले सदमे में हैं। उन्होंने कहा, “अगर समय पर एंबुलेंस मिल जाती, तो हमारी बेटी बच सकती थी।” परिवार ने 108 एंबुलेंस सेवा की लापरवाही पर गुस्सा जताया और सरकार से कार्रवाई की मांग की। विपक्षी नेता बाबूलाल मरांडी ने भी इस मामले को उठाया और हेमंत सोरेन सरकार पर स्वास्थ्य व्यवस्था की नाकामी का आरोप लगाया।
जांच के आदेश, क्या होगा?
गोड्डा के सिविल सर्जन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, “हम यह देख रहे हैं कि 108 सेवा को कॉल किया गया था या नहीं, और अगर कॉल हुआ तो जवाब क्यों नहीं मिला। अगर लापरवाही हुई, तो कार्रवाई होगी।” अस्पताल के रिकॉर्ड में बच्ची का नाम दर्ज है, जिससे पता चलता है कि परिवार पहले सदर अस्पताल पहुंचा था। लेकिन सवाल यह है कि क्या इस जांच से भविष्य में ऐसी घटनाएं रुकेंगी?
झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल
यह पहला मामला नहीं है जब एंबुलेंस की देरी से किसी की जान गई। झारखंड के ग्रामीण इलाकों में ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं। लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि 108 एंबुलेंस सेवा को बेहतर किया जाए, ताकि गरीब और जरूरतमंद लोगों को समय पर मदद मिल सके।

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