अपराध

Seraikela BDO office sealed.:मजदूरी भुगतान नहीं करने पर सरायकेला बीडीओ कार्यालय सील, चल संपत्तियां जब्त

रायकेला। मनरेगा मजदूर चांद मुनि मुंडारी को ₹73,000 मजदूरी का भुगतान नहीं करने के मामले में सरायकेला सिविल जज आशीष अग्रवाल की अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए सरायकेला बीडीओ कार्यालय को सील करने और वहां की चल संपत्तियों को जब्त कर नीलाम करने का आदेश जारी किया है।
आदेश के अनुपालन में मंगलवार को न्याय नाजीर गोविंद कुमार न्यायालय कर्मियों के साथ बीडीओ कार्यालय पहुंचे और वहां की संपत्तियों को जब्त कर कार्यालय को सील कर दिया। जब्त की गई संपत्तियों में बीडीओ की सरकारी गाड़ी (JH22C-3793), कार्यालय की अलमारी, टेबल, कुर्सी, फ्रिज, एसी, पंखे समेत अन्य सामान शामिल हैं।
पुराना मामला, मजदूर को नहीं मिली मजदूरी
यह मामला वर्ष 2005-06 का है, जब पीड़ित मजदूर चांद मुनि मुंडारी ने बकाया मजदूरी के भुगतान के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने वाद संख्या 5/2024 के तहत न्याय की गुहार लगाई थी। कोर्ट ने मजदूर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बीडीओ कार्यालय के खिलाफ यह कड़ी कार्रवाई की है।
नीति आयोग की टीम के दौरे के बीच प्रशासन में हड़कंप
मजदूरी भुगतान न होने के कारण प्रशासनिक कार्रवाई के इस फैसले ने सरायकेला प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है। खासकर नीति आयोग की टीम के सरायकेला दौरे के दौरान बीडीओ कार्यालय के सील होने से सवाल खड़े हो रहे हैं। सरायकेला प्रखंड को आकांक्षी प्रखंड के रूप में चुना गया है, लेकिन मजदूरों की लंबित मजदूरी और प्रशासनिक लापरवाही के कारण यह मामला सुर्खियों में आ गया है।
इधर, नीति आयोग की टीम मंगलवार को गम्हरिया प्रखंड के दौरे पर है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि नीति आयोग इस मामले को अपनी रिपोर्ट में किस तरह शामिल करता है और सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।

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