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बीजेपी विधायक के बेटे ने तोड़े महाकाल मंदिर के नियम, गर्भगृह में जबरन प्रवेश से मचा बवाल

उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में सोमवार को उस समय विवाद खड़ा हो गया जब इंदौर से बीजेपी विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला ने नियमों का उल्लंघन करते हुए मंदिर के गर्भगृह में जबरन प्रवेश किया। इस घटना ने राजनीतिक और धार्मिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं पैदा कर दी हैं।

क्या है पूरा मामला?

सोमवार सुबह रुद्राक्ष शुक्ला अपने पिता विधायक गोलू शुक्ला के साथ महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रुद्राक्ष ने नियमों को ताक पर रखते हुए गर्भगृह में जबरन प्रवेश किया और वहां लगभग पांच मिनट तक पूजा की। जब मंदिर कर्मचारी आशीष दुबे ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो रुद्राक्ष ने कथित तौर पर उन्हें धमकाया।

बाद में इस घटना से जुड़ी लाइव फीड भी कथित रूप से डिलीट कर दी गई, जिससे संदेह और भी गहराया। महाकाल मंदिर का गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र है, जहां केवल पुजारियों को ही प्रवेश की अनुमति होती है।

विपक्ष का तीखा हमला

इस घटना पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने इसे “वीआईपी संस्कृति” का प्रतीक बताया और मंदिर प्रशासन पर पक्षपात के आरोप लगाए। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर सवाल किया कि आम जनता को जब गर्भगृह में प्रवेश नहीं दिया जाता, तो नेताओं और उनके परिवार को क्यों विशेष छूट दी जाती है?

कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा, “यह नियमों का खुला उल्लंघन है। मंदिर सभी के लिए समान है, फिर नेताओं को क्यों विशेषाधिकार?”

कांग्रेस नेता माया त्रिवेदी ने भी कहा, “जब आम भक्त घंटों लाइन में लगते हैं, तब नेताओं के बच्चों को विशेष ट्रीटमेंट क्यों?”

मंदिर प्रशासन की प्रतिक्रिया

उज्जैन कलेक्टर और महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह ने घटना को अनधिकृत प्रवेश बताया और त्वरित जांच के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि गर्भगृह में किसी को भी बिना अनुमति प्रवेश की इजाजत नहीं है।

मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने भी कहा कि गर्भगृह की सुरक्षा में तैनात कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और जांच जल्द पूरी होगी।

बीजेपी ने विपक्ष के आरोपों को नकारा

विधायक गोलू शुक्ला ने बेटे के बचाव में कहा, “रुद्राक्ष ने केवल भगवान महाकाल के दर्शन किए। इसमें कोई गलत बात नहीं है। विपक्ष बेवजह राजनीतिक लाभ के लिए मुद्दा बना रहा है।”

बीजेपी ने इस पूरे प्रकरण को विपक्ष की राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा कि इसे अनावश्यक तूल दिया जा रहा है।

रुद्राक्ष शुक्ला के पुराने विवाद

यह पहली बार नहीं है जब रुद्राक्ष शुक्ला विवादों में आए हों। चार साल पहले भी उन पर महाकाल मंदिर में जबरन प्रवेश का आरोप लग चुका है। इसी साल देवास स्थित माता टेकरी मंदिर में भी देर रात प्रवेश और पुजारी से झड़प का मामला सामने आया था।

पहले भी उठ चुके हैं सवाल

महाकाल मंदिर में वीआईपी एंट्री को लेकर पहले भी विवाद हो चुके हैं। 2024 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे के गर्भगृह में प्रवेश को लेकर भी विवाद हुआ था, जिसके बाद एक मंदिर कर्मचारी को निलंबित किया गया था।

मंदिर प्रशासन ने अब संकेत दिए हैं कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए नए और कड़े दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।

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