अंतर्राष्ट्रीय

भारतीय सेना ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक सैन्य अभियान Operation Sindoor शुरू किया

नई दिल्ली– भारतीय सेना ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना है।  यह अभियान 22 अप्रैल को भारतीय प्रशासित कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।
मानेकशॉ सेंटर में आयोजित एक ऐतिहासिक सामरिक ब्रीफिंग में, रक्षा खुफिया एजेंसी (डीआईए) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. राणा ने 70 से अधिक देशों के सैन्य प्रतिनिधियों को इस अभियान की जानकारी दी।  उन्होंने बताया कि ऑपरेशन में मुरीदमें  स्थित लश्कर-ए-तैयबा  के मुख्यालय तथा बहावलपुर और जैश-ए-मोहम्मद के नौ प्रमुख ठिकानों को  ध्वस्त किया गया।
लेफ्टिनेंट जनरल राणा ने  कहा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान साइबर, अंतरिक्ष और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं का व्यापक उपयोग किया गया, जो भारत की बहु-डोमेन सैन्य शक्ति को भी   दर्शाता है।   उन्होंने कहा कि यह अभियान सिर्फ गतिज (kinetic) नहीं था, बल्कि गैर-गतिज (non-kinetic) युद्धक प्राविधियों में भारत की बढ़त का भी परिचायक था । इस  ऑपरेशन ने भारत की सैन्य श्रेष्ठता, रणनीतिक संकल्प और नए युग के युद्ध में क्षमताओं को प्रदर्शित करके भारत-पाकिस्तान संबंधों को फिर से परिभाषित किया है ।
जनरल राणा ने पिछली रिपोर्टों का हवाला देते हुए पाकिस्तान के चल रहे दुष्प्रचार प्रयासों की निंदा की – जिसमें 2020 ईयू डिसइन्फ़ोलैब एक्सपोज़ भी शामिल है।
 जिसमें पाकिस्तान के वैश्विक प्रचार नेटवर्क का विस्तारपूर्वक दस्तावेजीकरण किया गया था। जनरल राणा ने इसे पूरे देश की प्रतिक्रिया बताते हुए पाकिस्तान के दुष्प्रचार को बेनकाब करते हुए कहा  कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट और कठोर रुख अपना रहा है।
हालांकि, नियंत्रण रेखा पर तनाव बना हुआ है। विशेषज्ञ इसे दक्षिण एशिया में युद्ध के बदलते स्वरूप का संकेत मान रहे हैं। जबकि 22 अप्रैल के बाद से रोज़ाना संघर्ष विराम उल्लंघन हो रहे हैं, जिनमें अब तक 12 भारतीय नागरिकों की मृत्युऔर 57 लोग घायल हो चुके हैं।
जनरल राणा  ने कहा ऑपरेशन सिंदूर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी ‘लाल रेखा’ को लेकर गंभीर है और किसी भी कीमत पर इसे स्वीकार नहीं करेगा।दुनिया अब बारीकी से देख रही है कि इस उच्च-दांव टकराव के बाद भारत और पाकिस्तान कैसे आगे बढ़ते हैं.

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