भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को लेकर राहुल गांधी का पीएम पर हमला, पीयूष गोयल ने दिया करारा जवाब

भारत-अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता अब केवल कूटनीतिक दायरे में नहीं, बल्कि देश की सियासत का बड़ा मुद्दा बन गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह अमेरिकी दबाव में झुक जाएंगे, वहीं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कांग्रेस पर “नकारात्मक राजनीति” करने का आरोप लगाया।
‘मोदी ट्रंप की डेडलाइन के सामने झुक जाएंगे’
राहुल गांधी ने शनिवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,”पीयूष गोयल चाहे जितना भी दम दिखा लें, याद रखना – मोदी ट्रंप की टैरिफ डेडलाइन के आगे नतमस्तक हो जाएंगे।”
राहुल का यह बयान उस समय आया, जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 9 जुलाई तक व्यापार समझौते की समयसीमा तय की थी।
पीयूष गोयल की प्रतिक्रिया: ‘अब कोई राहुल गांधी को गंभीरता से नहीं लेता’
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि “यह UPA का भारत नहीं है जो राष्ट्रीय हितों की कीमत पर समझौते कर ले।”
उन्होंने कहा कि भारत अब आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी देश है, जो किसी भी देश के साथ समान स्तर पर बात करता है।
व्यापार वार्ता: भारत की स्पष्ट नीति – पहले राष्ट्रीय हित
सरकार की ओर से साफ कर दिया गया है कि भारत केवल उसी व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करेगा जो देश के कृषि, डेयरी और श्रम-आधारित उद्योगों को नुकसान न पहुंचाए। गोयल ने कहा कि“हम कोई डेडलाइन के दबाव में काम नहीं करते। हमारे लिए राष्ट्रहित सबसे पहले है।”
भारत की प्राथमिकता खासतौर पर मक्का, सोयाबीन, डेयरी उत्पादों और चमड़े के सामान पर टैरिफ का संरक्षक रवैया बनाए रखना है। जबकि अमेरिका इन सेक्टर्स में रियायत चाहता है।
कृषि और डेयरी को लेकर अमेरिका की चिंता, भारत का स्पष्ट इंकार
भारत की चिंता है कि अमेरिकी डेयरी उत्पादों को छूट देने से देश के छोटे और सीमांत किसान प्रभावित होंगे। यही कारण है कि इससे पहले भी भारत ने कई देशों के साथ हुए व्यापार समझौतों में कृषि उत्पादों को बाहर रखा है।
गोयल ने दोहराया कि “हमारे किसान हमारे लिए सबसे पहले हैं। यूके, ऑस्ट्रेलिया और UAE जैसे देशों से हुए समझौतों में हमने किसानों के हितों को प्राथमिकता दी।”
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