
नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर कपास किसानों के साथ विश्वासघात करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “कपास किसानों के साथ अन्याय हो रहा है”। केजरीवाल ने अमेरिका से आयातित कपास पर 11 प्रतिशत आयात शुल्क (इंपोर्ट ड्यूटी) हटाने के फैसले को किसानों पर “पीठ में छुरा घोंपने” जैसा बताया है। उनका कहना है कि यह फैसला ट्रंप के दबाव में लिया गया है, जिससे भारतीय किसानों की फसल सस्ते विदेशी कपास के आगे बर्बाद हो जाएगी।
केजरीवाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मोदी सरकार ने चुपके-चुपके यह निर्णय लिया है, जिसका खामियाजा गुजरात, महाराष्ट्र (विदर्भ), पंजाब, तेलंगाना और अन्य कपास उत्पादक राज्यों के लाखों किसानों को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे किसानों के पास आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। केजरीवाल ने सभी राजनीतिक दलों और किसान संगठनों से एकजुट होने का आह्वान किया है।
केंद्र सरकार का फैसला
केंद्र सरकार ने 19 अगस्त से 30 सितंबर तक अमेरिकी कपास पर 11 प्रतिशत शुल्क (5 प्रतिशत मूल सीमा शुल्क + 5 प्रतिशत कृषि अवसंरचना उपकर + 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण अधिभार) को अस्थायी रूप से हटा दिया था। बाद में इसे 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दिया गया। इसका उद्देश्य घरेलू कपड़ा उद्योग को अमेरिकी टैरिफ से राहत देना बताया गया है। लेकिन केजरीवाल के अनुसार, इससे अमेरिकी कपास भारतीय कपास से 15-20 रुपये प्रति किलो सस्ती हो गई है।
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