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Deputy Commissioner and the Superintendent of Police inspected the arrangements in the district jail:कैदियों की सुविधाओं से लेकर सुरक्षा इंतजाम तक की गहन समीक्षा

  • चाईबासा मंडल कारा में उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा, दिए सख्त निर्देश
  • कैदियों की सुविधाओं से लेकर सुरक्षा इंतजाम तक की गहन समीक्षा, सुधारात्मक उपायों पर दिया जोर
चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन की ओर से सोमवार को चाईबासा मंडल कारा में औचक निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी कुलदीप चौधरी और पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर के संयुक्त नेतृत्व में किया गया। इस दौरान जेल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था, कैदियों को मिल रही सुविधाएं, स्वच्छता और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का बारीकी से मूल्यांकन किया गया।

निरीक्षण के दौरान उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने अधिकारियों और पुलिस बल को अलग-अलग दलों में बांटकर जेल के विभिन्न हिस्सों—जैसे कैदी वार्ड, भोजनालय, भंडार कक्ष, औषधि केंद्र और रजिस्टर संधारण कक्ष—का गहन निरीक्षण कराया। उन्होंने कैदियों की दिनचर्या, भोजन की गुणवत्ता, साफ-सफाई की स्थिति और चिकित्सा सुविधा की विस्तृत समीक्षा की।
उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जेल में कैदियों को सभी मूलभूत सुविधाएं निर्धारित मानकों के अनुसार उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने कहा, “जेल को केवल सजा का स्थान न मानते हुए इसे सुधार और पुनर्वास की दिशा में कार्य करने वाला संस्थान बनाना चाहिए। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

वहीं, पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने जेल परिसर की सुरक्षा का गहन निरीक्षण करते हुए मुख्य द्वार, निगरानी प्रणाली और गार्ड की सतर्कता की जांच की। उन्होंने जेल में प्रतिबंधित सामग्री की तलाश के लिए नियमित तलाशी अभियान चलाने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि सुरक्षा मानकों में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं होनी चाहिए।

निरीक्षण दल में सदर अनुमंडल पदाधिकारी संदीप अनुराग टोपनो, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बहामन टुटी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी सुनीला खलको, कार्यपालक दंडाधिकारी देवेंद्र कुमार एवं कुमार हर्ष समेत कई अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस निरीक्षण के बाद जेल प्रशासन में हलचल देखी गई और कैदियों के लिए बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता को लेकर सजगता भी बढ़ी है। अधिकारियों का मानना है कि ऐसे औचक निरीक्षणों से न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि जेल प्रशासन की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।

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