अपराध

Man was traveling by pretending to be a fake DRM: रेलवे ने पकड़ा, जुर्माना और जेल

भोपालपंजाब मेल (गाड़ी संख्या 12138) में 29 अप्रैल 2025 को टिकट चेकिंग स्टाफ अमरजीत सिंह अपनी ड्यूटी पर थे। चेकिंग के दौरान प्रथम श्रेणी वातानुकूलित कोच के कूपे नंबर बी में एक व्यक्ति यात्रा करता मिला, जिसने खुद को मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) बताया। अमरजीत सिंह को उस व्यक्ति पर संदेह हुआ और उन्होंने उससे परिचय पत्र एवं ट्रैवल अथॉरिटी मांगी, लेकिन वह कोई भी वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। संदेह बढ़ने पर अमरजीत सिंह ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को सूचना दी। पूछताछ में उस व्यक्ति ने अपना नाम वरुण सहगल बताया, लेकिन उसके पास कोई पहचान पत्र या अधिकृत कागजात नहीं थे, जिससे उसकी पहचान स्पष्ट हो सके।
बीना स्टेशन पर टीटीई ने राजकीय रेलवे पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों को घटना की जानकारी दी, लेकिन गाड़ी के सिग्नल हो जाने के कारण उसे बीना में नहीं उतारा जा सका। इसके बाद उस व्यक्ति को दो स्टाफ के साथ भोपाल भेजा गया। यात्रा के दौरान टीटीई ने उस फर्जी डीआरएम से किराया और जुर्माने के रूप में कुल 4170 रुपए वसूले। भोपाल स्टेशन पहुंचने पर टीटीई के मेमो के आधार पर राजकीय रेलवे पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया।
जीआरपी थाना भोपाल द्वारा दी गई तहरीर पर रेलवे सुरक्षा बल ने आरोपी वरुण सहगल के खिलाफ रेल अधिनियम की धारा 145 और 146 के तहत मामला दर्ज किया। कोर्ट ने आरोपी पर 1500 रुपए का जुर्माना लगाया, साथ ही रेलवे की ओर से 4100 रुपए का अतिरिक्त दंड वसूला गया।
रेल प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे हमेशा वैध टिकट और यात्रा दस्तावेज लेकर ही यात्रा करें। बिना टिकट या फर्जी पहचान के यात्रा करने पर जुर्माना, जेल या दोनों हो सकते हैं और इससे सामाजिक सम्मान को भी ठेस पहुंच सकती है।

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