ट्रंप का नया टैरिफ हमला: ब्रिक्स देशों को दी 10% अतिरिक्त शुल्क की चेतावनी, भारत पर क्या होगा असर?

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मचा दी है। सोमवार को उन्होंने जापान, दक्षिण कोरिया समेत 14 देशों पर भारी आयात शुल्क (टैरिफ) लागू करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने ब्रिक्स (BRICS) देशों को भी स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर कोई देश अमेरिकी नीतियों के खिलाफ खड़ा होता है, तो उस पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा।
आखिर क्यों निशाने पर हैं ब्रिक्स देश?
ब्रिक्स, यानी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का समूह, वैश्विक दक्षिण की आवाज़ माने जाने वाले देशों का एक मजबूत संगठन है। इसमें हाल ही में ईरान, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया और यूएई को भी शामिल किया गया है। BRICS का मूल उद्देश्य है वैश्विक आर्थिक संतुलन को बहुपक्षीय बनाना, और उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एकजुट करना।
हाल में ब्राजील में हुई BRICS बैठक के बाद जारी घोषणापत्र में अमेरिकी टैरिफ नीतियों की आलोचना की गई थी। माना जा रहा है कि यही आलोचना ट्रंप के तीखे तेवर की वजह बनी।
कौन-कौन से देश आए ट्रंप के निशाने पर?
ट्रंप ने जापान, दक्षिण कोरिया, म्यांमार, लाओस, दक्षिण अफ्रीका, कजाकिस्तान, मलेशिया, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, बोस्निया, बांग्लादेश, सर्बिया, कंबोडिया और थाईलैंड पर 25 से 40 फीसदी तक का नया आयात शुल्क लगा दिया है।
इसके साथ ही ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर चेतावनी जारी की कि ब्रिक्स की नीतियों का समर्थन करने वाले देशों पर 10% अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा।
डॉलर से दूरी, चिंता की वजह?
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की चिंता का बड़ा कारण डॉलर की वैश्विक पकड़ में गिरावट है। रूस और चीन जैसे ब्रिक्स सदस्य आपसी व्यापार में अपनी मुद्रा का इस्तेमाल बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा रूस ने BRICS करेंसी का प्रस्ताव भी दिया था, जिससे अमेरिकी डॉलर पर वैश्विक निर्भरता घट सकती है।
जबसे अमेरिका ने स्विफ्ट जैसे वैश्विक भुगतान नेटवर्क को भू-राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया, दुनिया भर में डॉलर के विकल्प की तलाश तेज हो गई है। इसी रणनीति के तहत कई देश अब डॉलर के बजाय स्थानीय करेंसी में लेनदेन पर जोर दे रहे हैं।
भारत के लिए चुनौती?
भारत ब्रिक्स का संस्थापक सदस्य है और घोषणापत्र पर हस्ताक्षर भी कर चुका है। ऐसे में सवाल उठता है कि ट्रंप की यह चेतावनी भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों को कैसे प्रभावित करेगी?
हालांकि, राहत की बात यह है कि ट्रंप ने हालिया बयान में कहा है कि भारत के साथ एक बड़ी ट्रेड डील “करीब” है। इससे संकेत मिलता है कि भारत को फिलहाल अतिरिक्त टैरिफ से छूट मिल सकती है।
ब्राजील और चीन की तीखी प्रतिक्रिया
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने ट्रंप के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “अब दुनिया बदल चुकी है, हमें कोई सम्राट नहीं चाहिए।” वहीं, चीन ने स्पष्ट किया कि ब्रिक्स किसी भी देश के खिलाफ नहीं है, बल्कि इसका मकसद साझा विकास है।
ये भी पढ़ें: बीजू जनता दल सुप्रीमो नवीन पटनायक को सर्जरी के बाद मुंबई के अस्पताल से छुट्टी