Politics News: राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के आरोपों के बीच चुनाव आयोग का बड़ा कदम, वोटर आईडी के लिए लॉन्च किया 'E-Sign' फीचर
चुनाव आयोग का बड़ा कदम, वोटर आईडी के लिए 'E-Sign' फीचर लॉन्च, फर्जी वोटिंग रुकेगी।

Politics News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा ‘वोट चोरी’ के आरोपों और ईवीएम पर उठाए जा रहे सवालों के बीच, भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने चुनावी प्रक्रिया की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा और हाई-टेक कदम उठाया है। चुनाव आयोग ने आज, बुधवार 24 सितंबर 2025 को, डिजिटल वोटर आईडी कार्ड (e-EPIC) के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक नए ‘ई-साइन’ (E-Sign) फीचर को लॉन्च करने की घोषणा की है। इस कदम को विपक्ष के आरोपों के जवाब और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने की एक बड़ी कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
क्या है यह नया ‘ई-साइन’ फीचर?
‘ई-साइन’ एक तरह की सुरक्षित डिजिटल मुहर है, जो अब हर नए डाउनलोड किए गए डिजिटल वोटर आईडी कार्ड (e-EPIC) पर लगी होगी। इसमें एक एन्क्रिप्टेड क्यूआर कोड (Encrypted QR Code) और चुनाव आयोग का एक क्रिप्टोग्राफिक डिजिटल हस्ताक्षर शामिल होगा। इस फीचर का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी डिजिटल वोटर आईडी के साथ छेड़छाड़ न की जा सके और कोई भी व्यक्ति फर्जी कार्ड का इस्तेमाल करके वोट न डाल सके।
पोलिंग बूथ पर कैसे काम करेगा ई-साइन?
जब कोई मतदाता अपने मोबाइल फोन में मौजूद ई-साइन वाले डिजिटल वोटर आईडी को लेकर पोलिंग बूथ पर जाएगा, तो वहां मौजूद चुनाव अधिकारी के पास एक विशेष स्कैनर या मोबाइल ऐप होगा। अधिकारी वोटर के फोन पर दिख रहे क्यूआर कोड को स्कैन करेगा। स्कैन करते ही, ऐप रियल-टाइम में चुनाव आयोग के केंद्रीय सर्वर से उस डिजिटल हस्ताक्षर को सत्यापित (verify) करेगा। अगर वोटर आईडी असली है, तो अधिकारी की स्क्रीन पर ‘Verified’ का निशान और मतदाता की तस्वीर आ जाएगी। अगर कार्ड फर्जी या छेड़छाड़ किया हुआ है, तो वह तुरंत पकड़ में आ जाएगा।
फर्जी वोटिंग पर लगेगी लगाम, राहुल के आरोपों का जवाब?
चुनाव आयोग का कहना है कि इस फीचर का एकमात्र उद्देश्य फर्जी और बोगस वोटिंग पर पूरी तरह से लगाम लगाना है। हालांकि, इस घोषणा के समय को लेकर राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा हो रही है। यह फैसला ठीक उस समय आया है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की घोषणा करते हुए ईवीएम और चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाए थे और ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया था। माना जा रहा है कि यह हाई-टेक सुरक्षा फीचर, चुनाव आयोग की तरफ से इन आरोपों का एक तकनीकी और ठोस जवाब है, जिससे वह यह संदेश देना चाहता है कि चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित और पारदर्शी है।
बिहार चुनाव से होगी शुरुआत
चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि इस नई ‘ई-साइन’ सुविधा को सबसे पहले आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जाएगा। वहां मिली सफलता के बाद, इसे देश भर के सभी चुनावों में अनिवार्य कर दिया जाएगा। यह कदम भारत की चुनावी प्रणाली को और अधिक सुरक्षित और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।