
Breast Cancer Update: ब्रेस्ट कैंसर, जो भारत में महिलाओं में सबसे आम कैंसर है, अब पहले से कहीं ज्यादा बेहतर तरीके से इलाज योग्य हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि नई तकनीकों, जागरूकता और कई क्षेत्रों के डॉक्टरों के सहयोग से ब्रेस्ट कैंसर का इलाज आसान और प्रभावी हो गया है। यह कैंसर भारत में महिलाओं के बीच होने वाले सभी कैंसर का लगभग 30% हिस्सा है। आइए जानते हैं कि कैसे नए इलाज मरीजों को बेहतर जीवन दे रहे हैं।
ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने और इलाज में सुधार
पिछले कुछ सालों में ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने और इलाज करने की तकनीकों में बहुत सुधार हुआ है। चेन्नई के अपोलो प्रोटॉन कैंसर सेंटर की डॉ. सपना नांगिया बताती हैं कि डिजिटल मैमोग्राम और टोमोसिंथेसिस जैसी तकनीकों से कैंसर का पता तब लग जाता है, जब वह इतना छोटा होता है कि उसे छूकर भी महसूस नहीं किया जा सकता। इससे इलाज आसान और प्रभावी हो जाता है। सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन, हार्मोन थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी जैसे इलाज अब मरीज के कैंसर के प्रकार के हिसाब से किए जाते हैं।
लिम्फ नोड और रेडिएशन में नई तकनीकें
ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में लिम्फ नोड्स का इलाज भी जरूरी होता है। नई तकनीक जैसे सेंटिनल लिम्फ नोड बायोप्सी और LYMPHA से बांह में सूजन की समस्या कम हो गई है। रेडिएशन थेरेपी में भी प्रोटॉन थेरेपी जैसी तकनीकें दिल और फेफड़ों को नुकसान से बचाती हैं। खासकर युवा महिलाओं में यह दूसरी बीमारियों का खतरा कम करती है।
पर्सनलाइज्ड इलाज, हर मरीज के लिए खास दवा
डॉ. प्रिया बताती हैं कि 10% ब्रेस्ट कैंसर आनुवंशिक होते हैं। जेनेटिक टेस्टिंग से कैंसर के प्रकार का पता लगाया जाता है और उसी के हिसाब से इलाज किया जाता है। पर्सनलाइज्ड दवाएं, जैसे हार्मोन थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी, मरीजों को बेहतर परिणाम दे रही हैं। इससे कैंसर के दोबारा होने का खतरा भी कम हो गया है।