धार्मिक

Joy of the resurrection of Lord Jesus on Easter Sunday:चर्चों में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

  • ईस्टर संडे पर प्रभु यीशु के पुनरुत्थान की खुशी, चर्चों में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
  • कब्रों पर जलाए गए दीप, पूर्वजों को अर्पित किए पुष्प
चक्रधरपुर। पोड़ाहाट अनुमंडल क्षेत्र में रविवार को प्रभु यीशु मसीह के पुनर्जीवित होने की खुशी में ईस्टर संडे का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। चक्रधरपुर, मनोहरपुर, गोइलकेरा, बंदगांव, सोनुवा, गुदड़ी और आनंदपुर के विभिन्न गिरजाघरों में संध्या, मध्य रात्रि और भोर के समय विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन हुआ।
चक्रधरपुर के रोमन कैथोलिक चर्च, सीएनआई लाल गिरजाघर, जीईएल चर्च, बिलिवर्स ईस्टर्न चर्च, और बुढीगोड़ा चर्च में अलग-अलग समय पर श्रद्धालुओं ने भाग लेकर प्रभु यीशु के बलिदान और पुनरुत्थान का स्मरण किया। रोमन कैथोलिक चर्च में पल्ली पुरोहित फादर पौलुस बोदरा और फादर एस. पुतुमई राज ने अपने संदेश में कहा कि यीशु मसीह ने मानवता को पापों से मुक्त करने के लिए क्रूस पर चढ़कर बलिदान दिया और अंततः बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ पुनर्जीवित हुए।
ईस्टर के अवसर पर बड़ी संख्या में मसीही समाज के महिला-पुरुष श्रद्धालु चर्चों में पहुंचे और सामूहिक प्रार्थनाओं में भाग लिया। चक्रधरपुर के जीईएल चर्च और सीएनआई लाल गिरजाघर में मध्यरात्रि और रविवार सुबह विशेष प्रार्थना सभाएं हुईं। श्रद्धालुओं ने अपने दिवंगत परिजनों की कब्रों पर मोमबत्तियां जलाईं, फूल अर्पित किए और प्रार्थना की।
पुरोहितों ने इस अवसर पर कहा कि जैसे प्रभु यीशु मसीह मृत्यु पर विजय पाकर पुनर्जीवित हुए, वैसे ही ख्रीस्त धर्म के अनुयायियों के दिवंगत पूर्वज भी मार्गदर्शक और कल्याणकारी शक्ति के रूप में स्मरण किए जाते हैं। ईस्टर का यह पर्व अच्छाई, आशा और पुनरुत्थान का प्रतीक बनकर श्रद्धालुओं को आत्मिक शांति प्रदान करता है।

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