
Congenital Syphilis: न्यूयॉर्क में एक गंभीर बीमारी, जन्मजात सिफलिस, के कारण तीन बच्चों की मौत ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। यह बीमारी गर्भवती मां से बच्चे में फैलती है। अगर इसका इलाज समय पर न हो, तो यह बच्चे के लिए जानलेवा हो सकती है। यह खबर माता-पिता को जागरूक करने के लिए महत्वपूर्ण है। आइए जानें जन्मजात सिफलिस क्या है और इसके लक्षण क्या हैं।
जन्मजात सिफलिस क्या है?
जन्मजात सिफलिस एक ऐसी बीमारी है, जो सिफलिस से पीड़ित मां से गर्भ में बच्चे को फैलती है। यह ट्रेपोनेमा पैलिडम नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। अगर मां का इलाज गर्भावस्था के दौरान न हो, तो बच्चा इस बीमारी के साथ पैदा हो सकता है। यह बीमारी बच्चे को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है, जैसे मृत्यु, अंधापन या शारीरिक कमजोरी। न्यूयॉर्क में हाल की घटनाओं ने इस बीमारी पर ध्यान खींचा है।
जन्मजात सिफलिस के लक्षण
जन्मजात सिफलिस के लक्षण बच्चों में जन्म के समय या बाद में दिख सकते हैं। नवजात शिशुओं में लक्षणों में त्वचा पर लाल चकत्ते, बुखार, जिगर और तिल्ली का बढ़ना, और हड्डियों में दर्द शामिल हैं। कुछ बच्चों में जन्म के समय कोई लक्षण नहीं दिखता, लेकिन बाद में अंधापन, बहरापन या दांतों की समस्या हो सकती है। बड़े बच्चों में नाक की हड्डी टेढ़ी होना या जोड़ों में दर्द भी देखा जा सकता है। अगर समय पर इलाज न हो, तो यह जानलेवा हो सकता है।
Congenital Syphilis: बचाव और इलाज का तरीका
जन्मजात सिफलिस को रोका जा सकता है। गर्भवती महिलाओं को पहली तिमाही में और तीसरी तिमाही में सिफलिस की जांच करानी चाहिए। अगर बीमारी पकड़ में आए, तो पेनिसिलिन का इंजेक्शन इसका इलाज है। यह दवा मां और बच्चे दोनों को ठीक कर सकती है। न्यूयॉर्क की घटना ने दिखाया कि समय पर जांच और इलाज कितना जरूरी है। माता-पिता को सलाह दी जाती है कि वे डॉक्टर से संपर्क करें और नियमित जांच कराएं।