
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के नेताओं के लगातार भारत-विरोधी बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान की यह पुरानी आदत है कि वह अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए भारत के खिलाफ बयानबाजी करता है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी तरह का दुस्साहस पाकिस्तान को महंगा पड़ेगा, जैसा हाल ही में देखा गया है।
इस्राइल-फलस्तीन मुद्दे पर भारत का रुख
जायसवाल ने दोहराया कि भारत संघर्ष विराम, सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई और गाजा में मानवीय सहायता की निर्बाध आपूर्ति का समर्थन करता है। भारत दो-राष्ट्र समाधान का पक्षधर है, जिससे दोनों देशों के लोग शांति और सुरक्षा के साथ रह सकें।
भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी
जायसवाल ने कहा कि भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग दोनों देशों के रिश्तों का अहम हिस्सा है। अगस्त के मध्य में अमेरिका का रक्षा नीति दल दिल्ली आएगा, जबकि इसी महीने अलास्का में ‘युद्ध अभ्यास’ सैन्य अभ्यास और महीने के अंत में 2+2 अंतर-सत्रीय बैठक प्रस्तावित है। डॉलर-विमुद्रीकरण पर उन्होंने स्पष्ट किया कि यह भारत के वित्तीय एजेंडे का हिस्सा नहीं है।
रूस-अमेरिका बैठक का भारत ने किया स्वागत
15 अगस्त को अलास्का में भारत, अमेरिका और रूस के बीच प्रस्तावित बैठक पर भारत ने सकारात्मक रुख जताया है। जायसवाल ने कहा कि यह वार्ता वैश्विक शांति और स्थिरता को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम होगी।
भारत-चीन सीमा व्यापार पर स्थिति
विदेश मंत्रालय ने बताया कि लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड), शिपकी ला दर्रा (हिमाचल प्रदेश) और नाथू ला दर्रा (सिक्किम) के जरिए सीमा व्यापार दोबारा शुरू करने के लिए चीन से बातचीत जारी है।
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