
नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अब बस कुक घंटे और बाकि है, लेकिन मतदान से पहले ही दो अहम दलों ने ऐसा ऐलान कर दिया है जिसके बाद सियासत में भूचाल आ गया है। दरअसल के. चंद्रशेखर राव की अगुवाई वाली भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) और नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (BJD) ने साफ कर दिया है कि वे न तो एनडीए के साथ हैं और न ही इंडिया ब्लॉक का हिस्सा। यही कारण है कि दोनों दल 9 सितंबर को होने वाले मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे।
वर्तमान में राज्यसभा में बीआरएस के पास 4 सांसद और बीजद के पास 7 सांसद हैं। हालांकि, लोकसभा में इन दोनों दलों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामा राव (केटीआर) ने कहा कि चुनाव से दूर रहने का फैसला तेलंगाना में यूरिया की भारी कमी से परेशान किसानों की आवाज़ उठाने का तरीका है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दल इस गंभीर समस्या को हल करने में नाकाम रहे हैं।
केटीआर ने कहा, “किसानों को यूरिया लेने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है और कई जगह हाथापाई की नौबत आ रही है। अगर चुनाव में नोटा का विकल्प होता तो हम उसी को चुनते।”
बीजद प्रवक्ता सस्मित पात्रा ने कहा कि पार्टी की प्राथमिकता ओडिशा की जनता है। उन्होंने बताया कि पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक ने वरिष्ठ नेताओं और सांसदों के साथ विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया। पात्रा ने कहा, “हमारा ध्यान ओडिशा के साढ़े चार करोड़ लोगों के विकास और कल्याण पर है। यही वजह है कि हम उपराष्ट्रपति चुनाव से दूरी बनाए रखेंगे।”
9 सितंबर को होगा मतदान
उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान 9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। इस चुनाव में इंडिया ब्लॉक ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि एनडीए ने सी. पी. राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है।
उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सांसदों से बने निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 64 और 68 के तहत संचालित होती है। गौरतलब है कि जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था, जिसके बाद यह पद रिक्त हो गया।
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