
बिहार में एक नया विवाद तब खड़ा हो गया जब दरभंगा के सिंहवाड़ा पुलिस स्टेशन में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, राज्यसभा सांसद संजय यादव, पूर्व राजद विधायक ऋषि मिश्रा और पूर्व कांग्रेस उम्मीदवार मस्कूर अहमद उस्मानी के खिलाफ सरकारी कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी धोखाधड़ी के आरोपों के बाद एफआईआर दर्ज की गई।
सिंहवाड़ा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत वार्ड नंबर 7 की निवासी गुड़िया देवी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि माई-बहन योजना के तहत लाभ के लिए आवेदन करते समय उनसे 200 रुपये ठगे गए, जिसमें महिलाओं को 2,500 रुपये देने का वादा किया गया था।
उनके अनुसार, मामले में नामजद नेता इस योजना के पीछे थे, जिसका इस्तेमाल अनजान महिलाओं के आधार नंबर, बैंक खाते का विवरण और मोबाइल नंबर इकट्ठा करने के लिए किया गया था। स्थानीय एसएचओ ने एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि की है।
इसके अलावा, एक अन्य शिकायत में सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के कथित दुरुपयोग को उजागर किया गया है। दरभंगा के मिथिला टोला रामपुर निवासी और दिवंगत भिखारी साहनी की पत्नी चंद्रिका देवी ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि उनके दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करके भागमती देवी नाम की एक महिला के नाम पर विधवा पेंशन के लिए धोखाधड़ी से आवेदन किया गया।
उन्होंने पुलिस को बताया कि उनसे आधार, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड की जानकारी वाले फॉर्म लिए गए थे, लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि मृतक भागमती देवी की जगह किसी और महिला के दस्तावेज़ लगा दिए गए थे। उन्होंने अपने बयान में ज़ोर देकर कहा कि भागमती देवी की मृत्यु 1975 में हो गई थी, जिससे आवेदन में धोखाधड़ी हुई।
देवी ने इसे धोखाधड़ी और दस्तावेज़ों के दुरुपयोग का स्पष्ट मामला बताते हुए कड़ी कार्रवाई की माँग की और अधिकारियों से न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह किया।