जमशेदपुर: टाटा स्टील के ग्लोबल एमडी और सीइओ टीवी नरेंद्रन ने नए साल के पहले दिन रुसी मोदी सेंटर फॉर एक्सीलेंस में केक कटिंग समारोह के बाद कहा कि चीन की चीप स्टील इम्पोर्ट चुनौतियों का सामना जमशेदपुर की नागरिक सुविधाओं में कटौती करके नहीं किया जाएगा. ओडिशा के कलिंगानगर (केपीओ) प्लांट से जमशेदपुर की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि वहां पर 4000 कर्मचारी है और उत्पादन 8 मिलियन टन है, जबकि जमशेदपुर में 11 मिलियन टन के उत्पादन में दोगुना से ज्यादा कर्मचारी हैं. यहां पर उन्हें पूरा शहर चलाना पड़ता है, जिसमें काफी निवेश करना पड़ता है. केपीओ में सौ एकड़ में हाउसिंग है. बावजूद जमशेदपुर मदर प्लांट होने के चलते यहां का ख्याल ज्यादा रखा जाता है, लेकिन केपीओ, मेरामंडली और नीलांचल के कर्मचारियों को भी लगता है कि जमशेदपुर के कर्मियों को इतनी सुविधा मिलती है. ऐसे में सुविधाओं का जो गैप है, उसे पाटने की कोशिश की जाएगी, लेकिन यह जमशेदपुर की सुविधाओं को कम करने की कीमत पर नहीं होगा.
नए साल के पहले दिन रुसी मोदी सेंटर फॉर एक्सीलेंस में केक कटिंग समारोह के बाद मीडिया से बात करते हुए टीवी नरेंद्रन ने कहा कि दुनिया भर में चीन द्वारा सस्ते में की जा रही स्टील की डंपिंग से स्टील सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इसे लेकर अमेरिका, कनाडा और यूरोप ने तत्काल कई कदम उठाये हैं. अपने देश में भी चीन की इस अनफेयर प्रैक्टिस को लेकर सेफगार्ड ड्यूटी लगाने की बात चल रही है. उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस पर कोई जल्द फैसला लेगी. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि भारत का स्टील सेक्टर कम्पीटेटिव (प्रतिस्पर्धात्मक) नहीं है, मगर चीन की तरह घाटा में भी स्टील नहीं बेच सकते.
