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राष्ट्रीय युवा दिवस पर सीयूजे ने स्वामी विवेकानंद को ऐसे किया याद

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रांची: झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के विज्ञान भवन के सभागार में स्वामी विवेकानंद का जन्मदिवस सह राष्ट्रीय युवा दिवस धूमधाम से मनाया गया। स्वागत वक्तव्य देते हुए सीयूजे के प्रोफेसर के बी पांडा ने कहा, न्याय जगत से आए उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश डॉ. एस.एन. पाठक एवं बीआईटी मेसरा के माननीय कुलपति प्रो इंद्रनील मन्ना का इस अवसर पर सानिध्य पाना एक गौरव का विषय है। सीयूजे के कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास ने मुख्य अतिथि माननीय न्यायाधीश डॉ. एस.एन. पाठक एवं बी आई टी मेसरा के कुलपति प्रो इंद्रनील मन्ना का स्वागत पौधा, चादर एवं स्मृतिचिह्न देकर स्वागत किया।

राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर स्वामी विवेकानंद से जुड़ी विभिन्न प्रतियोगिता भाषण, पोस्टर मेकिंग का आयोजन विश्वविद्यालय के एनएसएस इकाई द्वारा करवाया गया था। जिनके विजेताओं को समारोह में पुरस्कृत किया गया। सीयूजे के प्रदर्शनकारी कला विभाग के विद्यार्थियों द्वारा डॉ. जया शाही के मार्गदर्शन में मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई। अपने वक्तव्य में उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश डॉ. एस एन पाठक ने कहा, स्वामी विवेकानन्द ने पूरी दुनिया को जीवन का पाठ पढ़ाया है। जो भी हमारा सामर्थ्य है हम उसे संगठित कर केवल अपने लिए ही नहीं बल्कि पूरे मानवता के लिए कार्य करना चाहिए। युवा ही भविष्य का निर्धारण कर सकते हैं। विश्वविद्यालय केवल डिग्री प्राप्त करने के लिए नहीं होता अपनी क्षमताओं को पहचानता, कमियों को जानना तथा हम मानवता के लिए क्या अच्छा कर सकते हैं के लिए तत्पर रहना चाहिए । कठिन समय में भी हमे सच के साथ खड़े रहना चाहिए। महिलायें राष्ट्रनिर्मात्री हैं। विशिष्ट अतिथि बीआईटी के कुलपति प्रो इंद्रनील मानना ने कहा , हमारा देश युवाशक्ति के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद के बताए मार्ग पर चलने को कहा। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सीयूजे के कुलपति प्रो. के बी दास ने सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामना दी। तथा कहा, स्वामी विवेकानंद ने भारत को विश्वगुरु बनाने का संकल्प लिया। इसके लिए हमे स्वाभिमान तथा आत्मनिर्भरता के साथ आगे बढ़ना होगा। युवाओं के संकल्प के साथ ही विश्वबंधुत्व तथा विश्वगुरु की संकल्पना पूरी हो सकती है.

अवसर पर प्रो. मनोज कुमार, प्रो. आर के दे, प्रो ए के पाढ़ी, कुलसचिव, वृत्ताधिकारी, सभी संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय के शिक्षक तथा विद्यार्थी सम्मिलित हुए। मंच संचालन डॉ उपेंद्र सत्यार्थी ने किया।

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