अंतर्राष्ट्रीय

Trump denied claims of taking credit for the India-Pakistan ceasefire: कहा- सिर्फ मदद की थी

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सीजफायर को लेकर पहले तो इसका श्रेय खुद को दिया, लेकिन बाद में अपने बयान से पलट गए। ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए थे, ऐसे में उन्होंने सिर्फ समस्या को सुलझाने में मदद की थी, न कि सीधी मध्यस्थता कराई थी।
ट्रंप ने अपने बयान में कहा, “मैं यह नहीं कह रहा कि मैंने मध्यस्थता कराई। मैंने समस्या सुलझाने में मदद की। पिछले सप्ताह भारत और पाकिस्तान के बीच चीजें काफी खतरनाक हो रही थीं। दोनों देशों ने अचानक मिसाइल दागना शुरू कर दिया और हमने सब सेटल कर दिया।” ट्रंप ने आगे कहा, “भारत-पाकिस्तान सालों से लड़ रहे हैं। मैंने सोचा कि मैं समझौता करा सकता हूं और मैंने करा दिया। आप कितना लड़ते रहेंगे। मैं आश्वस्त नहीं था कि दोनों में समझौता होगा। ये बहुत मुश्किल था। यह वास्तव में नियंत्रण से बाहर होने जा रहा था।”
गौरतलब है कि 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम (सीजफायर) का ऐलान हुआ था। इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर पोस्ट कर कहा था, “यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान तत्काल सीजफायर पर सहमति जताई है। दोनों देशों ने बुद्धिमत्ता का परिचय दिया।” ट्रंप के इस दावे को भारत सरकार ने तुरंत खारिज कर दिया था।
इसके बाद 11 मई को ट्रंप ने एक और बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा, “मुझे भारत और पाकिस्तान की मजबूत लीडरशिप पर बहुत गर्व है, जिन्होंने ताकत, समझदारी और हिम्मत दिखाकर यह फैसला लिया कि अब मौजूदा तनाव को रोकने का समय है। यह तनाव लाखों लोगों की मौत और तबाही का कारण बन सकता था।”
भारत सरकार ने साफ किया कि सीजफायर आपसी बातचीत और कूटनीतिक प्रयासों का नतीजा है, न कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का। वहीं, ट्रंप ने भी अपने बयान में बदलाव करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ दोनों देशों को समस्या सुलझाने में मदद की थी।
इस घटनाक्रम से साफ है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर मुख्य रूप से आपसी बातचीत और कूटनीतिक प्रयासों से संभव हुआ, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले इसका श्रेय लेने की कोशिश की, लेकिन बाद में अपने दावे से पीछे हट गए।

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