बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर कांग्रेस का बड़ा आरोप, “सत्ता में आने पर होगी सीबीआई जांच”

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया शुरू से ही संदिग्ध रही है और कांग्रेस सत्ता में आने पर इसकी सीबीआई जांच कराएगी, ताकि वोटरों की कथित चोरी और हेरफेर का सच सामने आ सके।
अभय दुबे ने बताया कि बिहार की अंतिम मतदाता सूची में 7.42 करोड़ मतदाता दर्ज किए गए हैं, जबकि 24 जून को यह संख्या 7.89 करोड़ थी। इसका मतलब है कि सूची में लगभग 6% की कमी आई है। दुबे ने कहा कि यह गिरावट कई संदेहों को जन्म देती है, खासकर तब जब चुनाव आयोग ने घुसपैठियों की पहचान के नाम पर तीन महीने का विशेष गहन पुनरीक्षण चलाया था।
कांग्रेस प्रवक्ता ने चुनाव आयोग पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कितने लोगों के नाम सूची से हटाए गए और किन कारणों से। आयोग ने बताया कि नाम हटाने के कारण मृत्यु, स्थायी पलायन और डुप्लीकेशन हैं, लेकिन दुबे ने पूछा कि जब नागरिकता सत्यापन का हवाला दिया गया था, तो गैर-नागरिकों की संख्या शून्य कैसे निकली।
क्या बदला
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68.6 लाख नाम हटाए गए, जिनमें से 65 लाख नाम प्रारूप सूची (1 अगस्त) में हटाए गए थे।
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3.66 लाख नाम दावे व आपत्तियों के दौरान हटाए गए।
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इसी अवधि में 21.53 लाख नए मतदाताओं के नाम जोड़े गए।
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दुबे ने कहा कि चुनाव आयोग ने महिला और पुरुष मतदाताओं का अनुपात सार्वजनिक नहीं किया। उनके अनुसार, इस बार सूची में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों की तुलना में कम हो सकती है, जो चिंताजनक है। उन्होंने जोर दिया कि यदि चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को देशभर में लागू करने की बात करता है, तो सभी आंकड़े और कारण पारदर्शी रूप से साझा किए जाने चाहिए।