लखनऊ में मायावती का शक्ति प्रदर्शन: 2027 में बीएसपी अकेले चुनाव लड़ेगी, केंद्र के कुछ फैसलों का समर्थन

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ कांशीराम परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर बीएसपी मुखिया मायावती के शक्ति प्रदर्शन की गवाह बनी। कांशीराम स्मारक पार्क में आयोजित रैली में भारी भीड़ उमड़ी, जिसमें उत्तर प्रदेश के अलावा पड़ोसी राज्यों के भी बीएसपी समर्थक शामिल हुए।
मंच से मायावती ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीएसपी का विरोध करने वाले दल दलित समाज के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं।
बीजेपी और केंद्र सरकार के फैसलों पर नरम रुख
बीजेपी को लेकर मायावती ने अपना नरम रुख दिखाया। रैली में उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर दुख व्यक्त किया।
केंद्र की स्वदेशी और आत्मनिर्भरता की पहल का स्वागत किया, लेकिन चेतावनी दी कि यदि यह निर्णय प्रभावहीन साबित हुआ तो बीएसपी इसे समर्थन नहीं देगी। उन्होंने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के प्रति केंद्र को सतर्क रहने की सलाह भी दी।
मायावती ने साफ कर दिया कि 2027 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी किसी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा: 1993 और 1996 में गठबंधन करने के बावजूद बीएसपी की सीटें और वोट शेयर घटे। गठबंधन में दलित वोट दूसरे दलों को ट्रांसफर हो जाता है, जबकि सवर्ण वोट बीएसपी को नहीं मिलता। इसलिए 2027 में पार्टी अकेले चुनाव में उतरेगी और अपनी ताकत दिखाएगी।
मायावती की यह रैली बीएसपी के लिए शक्ति और संगठनात्मक मजबूती का संदेश है। उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमला करते हुए और केंद्र सरकार के कुछ निर्णयों का समर्थन करते हुए साफ संदेश दिया कि बीएसपी आगामी चुनाव में खुद की ताकत पर भरोसा रखती है।