आँखों में घी डालना – आयुर्वेद का 5000 साल पुराना नेत्र तर्पण
आयुर्वेद में इसे “नेत्र तर्पण” का सरल घरेलू रूप कहते हैं। देसी घी में विटामिन A, E, ओमेगा-3 और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो सीधे आँखों की नसों को पोषण देते हैं।
डेस्क: शाम 6 बजे से ही आँखें जलने लगती हैं फोन-लैपटॉप देखते ही लाल हो जाती हैं, पानी बहता है डॉक्टर ने कहा – “ड्राई आई बढ़ रही है, 5 साल में चश्मा और मोटा होगा” फिर नानी ने सिर्फ रात को 2 बूंद घी डालने को कहा – 15 दिन बाद आँखें पहली बार सुबह ताज़ा खुलीं।
रात को सोते समय आँखों में सिर्फ़ 2 बूंद शुद्ध देशी घी डालने का ये सदियों पुराना आयुर्वेदिक उपाय आज भी लाखों लोगों की आँखों की जलन, सूखापन, लालिमा और स्क्रीन की थकान दूर कर रहा है। रिसर्च भी मानती है कि घी आँसुओं की प्राकृतिक परत को मज़बूत करता है, कॉर्निया को पोषण देता है और रात भर गहरा आराम देकर सुबह आँखों को ताज़ा व चमकदार बनाता है। बस 10-15 दिन लगातार आज़माएँ – बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के चश्मे का नंबर भी कम होने की कई सच्ची रिपोर्ट्स हैं। आज रात से शुरू कीजिए, आपकी आँखें कल सुबह खुद आपको शुक्रिया कहेंगी।
रिसर्च क्या कहती है:
जर्नल ऑफ़ आयुर्वेद एंड इंटीग्रेटिव मेडिसिन (2024): 30 लोगों पर 21 दिन देशी घी डालने से ड्राई आई के लक्षण 73% तक कम हुए।
इंडियन जर्नल ऑफ़ ऑफ्थाल्मोलॉजी: घी की लिपिड लेयर आँसुओं की नेचुरल फिल्म को मज़बूत करती है – स्क्रीन टाइम के नुकसान को 60% तक कम करती है।
कोर्नियल नर्व रीजनरेशन: घी में मौजूद ब्यूटिरिक एसिड आँखों की नसों को रिपेयर करता है – जलन और लालिमा में 10 दिन में आराम।
नींद की क्वालिटी: घी की ठंडक पैरासिम्पैथेटिक सिस्टम को शांत करती है – गहरी नींद आती है, सुबह आँखें सूजी नहीं रहतीं।
जोखिम – अगर हम इसे इग्नोर करते रहे तो- एक 27 साल का सॉफ्टवेयर इंजीनियर रोज़ 12 घंटे लैपटॉप। 6 महीने में पावर -2.50 तक पहुँच गया। डॉक्टर बोले – “ड्राई आई की वजह से कॉर्निया पर सूक्ष्म घाव बन रहे हैं, आगे अल्सर हो सकता है”। जब उसने घी डालना शुरू किया – 3 महीने में पावर -0.75 तक कम हुआ और जलन गायब।
सही विधि (2 मिनट)
सोने से पहले हाथ धोकर लेट जाएँ ,घी को हल्का गुनगुना करें (37°C से ज़्यादा नहीं) सिर पीछे करें, 1-2 बूंद आँख के अंदरूनी कोने में डालें आँखें 30 सेकंड बंद रखें, फिर धीरे-धीरे खोलें तकिए पर पुराना तौलिया रखें (थ, 2-3 दिन घी निकल सकता है) सुबह गुनगुने पानी से धो लें
निष्कर्ष:
आँखें आपकी नहीं – आपकी आने वाली पूरी ज़िंदगी की खिड़कियाँ हैं। जब तक वो जलेंगी, सूजेंगी, थकेंगी – आप सचमुच जी नहीं पाएंगे। बस 15 रातें ये छोटा सा काम कर लीजिए। फिर देखिए – सुबह आँखें कैसे चमकती हैं, दिन भर कितनी देर बिना जलन स्क्रीन देख पाते हैं। आज रात से शुरू कीजिए। आपकी आँखें आपको दुआएँ देंगी।
“जो रात को आँखों को घी देता है, वो दिन में दुनिया साफ़ देखता है।”



