Trendingराज्यव्यापार
Trending

Bihar News :बिहार का गन्ना उद्योग रच रहा नया कीर्तिमान, इथेनॉल उत्पादन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा

बिहार का गन्ना उद्योग इथेनॉल उत्पादन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है, किसानों की आय बढ़ी

Bihar News :बिहार का गन्ना उद्योग अब नई ऊंचाइयों को छू रहा है। नवाचार और इथेनॉल उत्पादन के दम पर यह उद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है। गन्ने से इथेनॉल और गुड़ जैसे उत्पादों का उत्पादन बढ़ने से किसानों की आय में इजाफा हो रहा है, और बिहार हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।

इथेनॉल उत्पादन बना बिहार की नई पहचान

बिहार सरकार ने 2021 में इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति शुरू की, जिसके बाद से राज्य में इथेनॉल उत्पादन में क्रांति आ गई है। इस नीति के तहत गन्ने के साथ-साथ मक्का और टूटे चावल से भी इथेनॉल बनाया जा रहा है। इससे न केवल किसानों को फायदा हो रहा है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान कम हो रहा है। केंद्र सरकार ने बिहार में 47 इथेनॉल संयंत्रों को मंजूरी दी है, जिनमें से 32 अनाज आधारित हैं। वर्तमान में 15 संयंत्र काम शुरू कर चुके हैं, और 9 संयंत्र पहले से ही उत्पादन कर रहे हैं।

किसानों की आय में वृद्धि

गन्ना उद्योग से बिहार के 6 लाख से अधिक किसान परिवारों को रोजगार मिल रहा है। इसके अलावा, 50 हजार से ज्यादा कुशल और अकुशल श्रमिकों को काम मिला है। समय पर भुगतान और उन्नत बीजों की उपलब्धता ने किसानों का भरोसा बढ़ाया है। सरकार ने गन्ने की कीमत 2024-25 के लिए 310 से 365 रुपये प्रति क्विंटल तय की है, जिससे किसानों को बेहतर मुनाफा मिल रहा है। इथेनॉल संयंत्रों की स्थापना से गन्ना उत्पादकों की चीनी मिलों पर निर्भरता भी कम हुई है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिला सहारा

बिहार का गन्ना उद्योग ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहा है। भोजपुर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, और भागलपुर जैसे जिलों में नए इथेनॉल संयंत्र स्थापित हो रहे हैं। इन संयंत्रों से न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है, बल्कि मक्का और चावल जैसे अन्य फसलों के किसानों को भी लाभ हो रहा है। 2026 तक 9 और इथेनॉल संयंत्र शुरू होने की उम्मीद है, जो 50 हजार और लोगों को रोजगार दे सकते हैं।

हरित ऊर्जा की ओर कदम

इथेनॉल उत्पादन से बिहार हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बना रहा है। इथेनॉल को पेट्रोल और डीजल में मिलाकर ईंधन बनाया जाता है, जो पर्यावरण के लिए कम हानिकारक है। इससे बिहार न केवल अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है, बल्कि भारत के 20% इथेनॉल मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने में भी योगदान दे रहा है।

भविष्य की योजनाएं

बिहार सरकार का लक्ष्य है कि राज्य को इथेनॉल उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य बनाया जाए। ‘बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023’ जैसे आयोजनों में इन उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है। सरकार निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहन भी दे रही है।

बिहार का गन्ना उद्योग न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर कर रहा है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इथेनॉल उत्पादन के जरिए बिहार एक नई दिशा की ओर बढ़ रहा है, जो राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।

Sanjna Gupta
Author: Sanjna Gupta

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!