‘लैंड फॉर जॉब’ केस में लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, ट्रायल चलता रहेगा

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले में दर्ज एफआईआर रद्द करने और अदालती कार्यवाही पर रोक लगाने की उनकी याचिका खारिज कर दी है। इसके साथ ही यह स्पष्ट कर दिया गया कि अब मुकदमे की सुनवाई बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ेगी।
शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट की सुनवाई तक दखल से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट में पहले से ही लंबित है, तो वह इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी। न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि वह ट्रायल की कार्यवाही पर कोई रोक नहीं लगाएगा।
पेशी से मिली छूट
हालांकि, अदालत ने लालू यादव को राहत देते हुए कहा कि उनकी उम्र और सामाजिक स्थिति को देखते हुए उन्हें व्यक्तिगत रूप से ट्रायल कोर्ट में पेश नहीं होना पड़ेगा। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई जल्द से जल्द पूरी करे।
लालू के वकील कपिल सिब्बल की दलील
लालू यादव की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सीबीआई ने 2014 में जांच शुरू की थी, लेकिन अभी तक लालू यादव के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति नहीं ली गई, जबकि अन्य आरोपियों के लिए मंजूरी प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने तर्क दिया कि इस स्थिति में ट्रायल आगे नहीं बढ़ना चाहिए।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसे हाई कोर्ट में लंबित मामला मानते हुए अपनी ओर से कोई रोक लगाने से इनकार कर दिया।
क्या है ‘लैंड फॉर जॉब’ मामला?
यह घोटाला उस समय का है जब लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि रेलवे में नौकरियां देने के बदले आवेदकों से उनके नाम जमीनें ली गईं। सीबीआई ने इस घोटाले की जांच शुरू की और लालू यादव समेत उनके परिवार के कई सदस्यों को आरोपी बनाया गया।
ये भी पढ़ें: Meta के ऑटो-ट्रांसलेशन ने कर्नाटक CM सिद्दारमैया को बताया मृत, सीएमओ ने जताई सख्त आपत्ति