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नेपाल को अमेरिका से बड़ी राहत, ट्रंप प्रशासन ने जारी रखा मिलेनियम चैलेंज कॉम्पैक्ट, चीन को झटका

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान कुछ समय के लिए असमंजस में रही मिलेनियम चैलेंज कॉम्पैक्ट (MCC) योजना को आखिरकार फिर से हरी झंडी मिल गई है। अब ट्रंप प्रशासन के फैसले से स्पष्ट हो गया है कि अमेरिका नेपाल में इस योजना को आगे जारी रखेगा। इस निर्णय को चीन के लिए एक रणनीतिक झटका माना जा रहा है, जो नेपाल में अपनी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) को विस्तार देना चाहता है।

क्या है एमसीसी योजना?

MCC एक अमेरिकी सहायता कार्यक्रम है जिसके अंतर्गत नेपाल में ऊर्जा और सड़क नेटवर्क के लिए वित्तीय मदद दी जाती है। 2017 में नेपाल और अमेरिका के बीच इस कॉम्पैक्ट पर समझौता हुआ था, जिसके तहत अमेरिका ने 50 करोड़ डॉलर देने का वादा किया था, वहीं नेपाल ने भी इस योजना में अपनी ओर से राशि बढ़ाकर 19.7 करोड़ डॉलर तक पहुंचा दी थी। कुल मिलाकर एमसीसी के तहत लगभग 74 करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश संभावित है।

डोनाल्ड ट्रंप के दौर में था खतरे में

ट्रंप प्रशासन द्वारा विदेशी फंडिंग की समीक्षा के चलते MCC पर भी संकट के बादल मंडराने लगे थे। अमेरिका की विदेशी सहायता एजेंसियों को निर्देश मिला था कि वे अपनी परियोजनाओं की समीक्षा करें। इस वजह से नेपाल में चिंता थी कि अगर एमसीसी योजना बंद हो गई, तो विकास कार्य रुक सकते हैं। लेकिन अब अमेरिका के फैसले ने स्पष्ट कर दिया है कि यह परियोजना जारी रहेगी।

नेपाल को मिली राहत, चीन को झटका

नेपाल की सरकार को अमेरिका के इस फैसले की जानकारी दे दी गई है। नेपाल के वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने भी माना कि इस फैसले से उन्हें काफी राहत मिली है, क्योंकि लंबे समय से वैकल्पिक संसाधनों की तलाश की जा रही थी। चीन की BRI योजना का मुकाबला करने के लिए अमेरिका के इस कदम को रणनीतिक तौर पर अहम माना जा रहा है।

MCC बनाम BRI – वैश्विक प्रभाव की लड़ाई

अमेरिकी कांग्रेस में पेश एक रिपोर्ट में भी यह साफ कहा गया है कि एमसीसी ने BRI के बढ़ते प्रभाव को प्रभावी तरीके से चुनौती दी है। MCC का मकसद अमेरिकी व्यवसायों और निवेश के लिए नए अवसरों को खोलना है, वहीं चीन की BRI योजना का मकसद एशिया और अन्य क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करना है।

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