
Operation Sindoor: भारतीय सेना अब और मजबूत होने जा रही है। मई 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है। अब सभी बटालियनों में ड्रोन और बिना पायलट वाले विमान (यूएवी) को शामिल किया जाएगा। यह कदम सेना को आधुनिक युद्ध के लिए तैयार करने और दुश्मनों से बेहतर तरीके से निपटने के लिए उठाया गया है।
ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाई ड्रोन की ताकत
मई 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इस ऑपरेशन में ड्रोन और यूएवी का इस्तेमाल कर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। इस सफलता ने सेना को यह समझाया कि ड्रोन आधुनिक युद्ध में कितने महत्वपूर्ण हैं। अब सेना ने फैसला किया है कि हर बटालियन में ड्रोन और काउंटर-यूएवी सिस्टम को शामिल किया जाएगा। इससे सैनिकों को युद्ध में ज्यादा ताकत मिलेगी और वे दुश्मन की हरकतों पर आसानी से नजर रख सकेंगे।
ड्रोन से कैसे बढ़ेगी सेना की ताकत?
ड्रोन और यूएवी का इस्तेमाल निगरानी, हमला और क्षेत्र की मैपिंग के लिए किया जाएगा। पहले ड्रोन का इस्तेमाल सीमित था और सैनिकों को अपने मुख्य काम छोड़कर ड्रोन चलाने पड़ते थे। अब हर बटालियन में खास ड्रोन टीमें बनाई जाएंगी, जो सिर्फ ड्रोन चलाने का काम करेंगी। इससे सैनिकों का मुख्य काम प्रभावित नहीं होगा। इसके अलावा, इंजीनियर रेजिमेंट में भी ड्रोन सेक्शन बनाए जाएंगे, जो बारूदी सुरंगों का पता लगाने और निगरानी में मदद करेंगे।
रुद्र ब्रिगेड, सेना का नया हथियार
सेना रुद्र ब्रिगेड नाम से नई इकाइयाँ बनाएगी। ये ब्रिगेड पैदल सेना, बख्तरबंद और तोपखाना इकाइयों के साथ ड्रोन और अन्य उपकरणों को मिलाकर बनाई जाएंगी। ये स्वतंत्र रूप से काम करेंगी और पारंपरिक व हाइब्रिड युद्ध के लिए तैयार होंगी। रुद्र ब्रिगेड को विशेष मिशनों के लिए तैयार किया जाएगा, जिससे सेना की ताकत और बढ़ेगी।
Operation Sindoor: भविष्य के युद्ध की तैयारी
ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया कि ड्रोन युद्ध का भविष्य हैं। भारतीय सेना अब स्वदेशी ड्रोन और तकनीक पर जोर दे रही है। इससे न केवल सेना की ताकत बढ़ेगी, बल्कि भारत आत्मनिर्भर भी बनेगा। यह कदम देश की सुरक्षा को और मजबूत करेगा और दुश्मनों को कड़ा जवाब देने में मदद करेगा।