
राजस्थान में हाल ही में हुए दर्दनाक हादसे, जिसमें स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की जान चली गई, ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र के सभी स्कूल भवनों और उनसे जुड़ी जनसुविधाओं की तत्काल सुरक्षा ऑडिट कराएं। यह ऑडिट वर्ष 2021 में जारी स्कूल सुरक्षा दिशा-निर्देशों और 2016 के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जाएगा।
क्या कहा गया है केंद्र सरकार के निर्देश में?
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखते हुए स्पष्ट कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि देश के किसी भी स्कूल में भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यह ऑडिट केवल सरकारी ही नहीं बल्कि निजी स्कूलों पर भी लागू होगा।
ऑडिट के दौरान यदि किसी तरह की लापरवाही या सुरक्षा में चूक पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों या संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
किन बिंदुओं पर होगी जांच?
सरकार ने सुरक्षा ऑडिट के लिए कुछ प्रमुख दिशा-निर्देश भी साझा किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
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स्कूल भवनों की संरचनात्मक मजबूती की जांच।
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भवनों में आग से बचाव के इंतजाम और इमरजेंसी निकासी मार्ग की व्यवस्था।
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स्कूल की इलेक्ट्रिक वायरिंग, फायर अलार्म और अग्निशमन यंत्रों की जांच।
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प्राथमिक उपचार (फर्स्ट एड) किट की उपलब्धता और स्थिति।
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शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के लिए आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण।
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ऐसी घटनाओं की रिपोर्टिंग के लिए स्थानीय स्तर पर तंत्र का निर्माण।
पहले भी सामने आ चुकी हैं खामियां
शिक्षा मंत्रालय ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि राजस्थान से पहले मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में भी स्कूलों में इस तरह की संरचनात्मक कमजोरियों की शिकायतें मिली थीं। ऐसे में यह स्पष्ट है कि यह समस्या केवल एक राज्य तक सीमित नहीं है बल्कि एक राष्ट्रीय चिंता का विषय बन चुकी है।
सरकार ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और अभिभावकों से भी अपील की है कि वे भी इस कार्य में भागीदार बनें और अपने क्षेत्र के असुरक्षित स्कूल भवनों की जानकारी संबंधित अधिकारियों को दें।
क्या कहती है मौजूदा स्थिति?
देशभर में इस समय करीब 15 लाख स्कूल हैं, जिनमें सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी सभी तरह के स्कूल शामिल हैं। ऐसे में सुरक्षा ऑडिट का कार्य एक बड़ी लेकिन आवश्यक प्रक्रिया है।
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