Bihar News: बिहार के कई जिलों में आया पेयजल संकट, 60 फीट तक गिरा भूजल स्तर
बिहार में भूजल दोहन और बारिश की कमी से पेयजल संकट, 60 फीट नीचे गया जलस्तर, ग्रामीण-शहरी क्षेत्र प्रभावित, सरकार से रेनवाटर हार्वेस्टिंग की मांग

Bihar News: बिहार के कई जिलों में पेयजल संकट (Drinking Water Crisis) दिन-ब-दिन गंभीर होता जा रहा है। खासकर, एक जिले में भूजल स्तर 60 फीट तक नीचे चला गया है, जिसके कारण लोगों को पीने के पानी के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी के मौसम में पानी की कमी ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में हाहाकार मचा दिया है। कई गांवों में हैंडपंप और कुएं सूख चुके हैं, जिससे स्थानीय लोग पानी के लिए दूर-दूर तक भटकने को मजबूर हैं।
Bihar News: भूजल स्तर में कमी के कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार में भूजल स्तर में इतनी भारी गिरावट के कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है अत्यधिक भूजल दोहन। खेती और घरेलू जरूरतों के लिए लगातार पानी निकाला जा रहा है, लेकिन भूजल रिचार्ज नहीं हो पा रहा। इसके अलावा, बारिश की कमी और जल संरक्षण की अनदेखी ने भी इस समस्या को बढ़ाया है। कुछ इलाकों में अवैध बोरवेल और अनियंत्रित पानी का उपयोग स्थिति को और बदतर बना रहा है।
प्रभावित जिले और जनजीवन पर असर
रिपोर्ट के अनुसार, इस जिले में भूजल स्तर के 60 फीट तक गिरने से सबसे ज्यादा प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों पर पड़ा है। लोग पानी के लिए टैंकरों पर निर्भर हो गए हैं, जो महंगे और अनियमित हैं। महिलाओं और बच्चों को सुबह-शाम पानी लाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। कई परिवारों में पीने के पानी की कमी के कारण स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ रही हैं। स्कूलों और अस्पतालों में भी पानी की किल्लत देखी जा रही है, जिससे स्थिति और चिंताजनक हो गई है।
सरकार और स्थानीय प्रशासन की भूमिका
स्थानीय प्रशासन ने इस समस्या से निपटने के लिए कुछ कदम उठाए हैं, जैसे टैंकरों से पानी की आपूर्ति और नए बोरवेल की खुदाई। हालांकि, ये प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। सरकार ने जल संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान शुरू करने की बात कही है, लेकिन अभी तक ठोस परिणाम सामने नहीं आए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को जल्द से जल्द प्रभावी कदम उठाने चाहिए, जैसे रेनवाटर हार्वेस्टिंग और तालाबों का जीर्णोद्धार।
समाधान की दिशा में कदम
पेयजल संकट (Drinking Water Crisis) को कम करने के लिए विशेषज्ञों ने कुछ सुझाव दिए हैं। इनमें जल संरक्षण, रेनवाटर हार्वेस्टिंग, और अवैध बोरवेल पर रोक शामिल है। स्थानीय लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है ताकि पानी का दुरुपयोग रोका जा सके। सरकार और समुदाय को मिलकर काम करना होगा ताकि भूजल स्तर को फिर से बढ़ाया जा सके और भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।