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पहलगाम हमले पर चिदंबरम का बयान विवादों में, बीजेपी ने लगाया पाकिस्तान को क्लीन चिट देने का आरोप

पहलगाम में हुए आतंकी हमले को तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन इससे जुड़ा राजनीतिक बवाल अभी थमा नहीं है। भारत सरकार ने इस हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सख्त कार्रवाई की, जिस दौरान सभी विपक्षी दल एकजुट होकर सरकार और सेना के साथ खड़े नजर आए। हालांकि, सीजफायर के बाद से विपक्ष ने सरकार पर सवालों की झड़ी लगा दी है। संसद के मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद उठाए गए कदमों को लेकर सरकार से जवाब मांगा है।

इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम का एक इंटरव्यू चर्चा में आ गया है, जिसमें उन्होंने सरकार की रणनीति और पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। चिदंबरम ने दावा किया है कि सरकार अब तक यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि आतंकी कौन थे और कहां से आए थे।

चिदंबरम के बयान पर उठा विवाद

डिजिटल पोर्टल ‘द क्विंट’ को दिए गए इंटरव्यू में पी. चिदंबरम ने सवाल किया, “क्या सरकार ने यह साबित किया है कि हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था? क्या आतंकियों की पहचान की गई? क्या ये आतंकी देश के भीतर ही पनपे थे?” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर पारदर्शिता से बच रही है और देश को सही जानकारी नहीं दे रही।

उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी सवाल उठाया और कहा, “प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह सिर्फ रोका गया है, समाप्त नहीं हुआ। तो फिर उसके बाद क्या कार्रवाई की गई? पहलगाम जैसा हमला फिर न हो, इसके लिए क्या कदम उठाए गए?”

बीजेपी ने लगाया पाकिस्तान को क्लीन चिट देने का आरोप

बीजेपी ने चिदंबरम के इन बयानों को पाकिस्तान के हित में बताते हुए कांग्रेस की आलोचना की है। पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, “कांग्रेस एक बार फिर पाकिस्तान के पक्ष में खड़ी दिख रही है। हर बार जब भारत की सेना पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का जवाब देती है, तब कांग्रेस नेताओं के बयान इस्लामाबाद के पक्ष में नजर आते हैं।”

बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने चिदंबरम पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा बयान दिया है जिससे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को क्लीन चिट मिल सके।

कांग्रेस की सफाई

बीजेपी के इन आरोपों पर कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तान को क्लीन चिट दी गई है तो वह सरकार ने दी है, जब सीजफायर लागू कर दिया गया। आतंकवादी अब भी खुलेआम घूम रहे हैं, और बीजेपी को जवाब देना चाहिए कि उन्हें पकड़ने में नाकामी क्यों हुई?”

संसद में 28 जून को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी है, ऐसे में चिदंबरम का बयान और बीजेपी की प्रतिक्रिया इस बहस को और गर्मा सकते हैं। इस पूरे प्रकरण से स्पष्ट है कि आतंकवाद से निपटने की रणनीति अब केवल सुरक्षा मसला नहीं रह गया है, बल्कि राजनीति का अहम मुद्दा बन चुकी है।

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