एशिया कप 2025: सूर्यकुमार यादव की फिटनेस बनी चिंता का विषय, कप्तानी को लेकर मंथन तेज

9 सितंबर से शुरू हो रहे एशिया कप के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का चयन अगस्त के तीसरे सप्ताह में होने की संभावना है। हालांकि, इस चयन से पहले सबसे बड़ी चिंता कप्तानी को लेकर है, क्योंकि मौजूदा टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव की फिटनेस पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है।
NCA में रिहैब के दौर से गुजर रहे हैं सूर्या
सूर्यकुमार यादव ने हाल ही में फिटनेस संबंधी कारणों से दलीप ट्रॉफी से नाम वापस ले लिया था। फिलहाल वे नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) में रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया से गुजर रहे हैं और बैटिंग प्रैक्टिस भी शुरू कर चुके हैं। हालांकि, उनके खेलने को लेकर अंतिम फैसला मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही लिया जाएगा।
अगर सूर्या बाहर हुए तो कौन लेगा कमान?
टी20 फॉर्मेट में सूर्यकुमार यादव न सिर्फ टीम के कप्तान हैं बल्कि मिडिल ऑर्डर की रीढ़ भी माने जाते हैं। ऐसे में उनकी गैरमौजूदगी टीम इंडिया के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है। बीसीसीआई इस स्थिति में संभावित विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रही है।
शुभमन गिल बन सकते हैं कप्तानी के पहले दावेदार
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल को एशिया कप की टी20 टीम में शामिल किया जा सकता है। अगर सूर्यकुमार फिट नहीं होते हैं, तो गिल को कप्तानी सौंपी जा सकती है। वे हाल के महीनों में निरंतर प्रदर्शन के दम पर टीम मैनेजमेंट का भरोसा जीत चुके हैं।
श्रेयस अय्यर भी हो सकते हैं मजबूत विकल्प
शुभमन के अलावा श्रेयस अय्यर का नाम भी संभावित कप्तानों की सूची में शामिल है। अय्यर को भी एशिया कप के लिए टीम में लाने की चर्चा है। वे सूर्यकुमार की तरह मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी कर सकते हैं और कप्तानी का अनुभव भी रखते हैं। इस तरह वे डबल रोल निभा सकते हैं—कप्तान और नंबर 4 के बल्लेबाज के रूप में।
ऑलराउंडर अक्षर पटेल भी रेस में
सूर्यकुमार की अनुपस्थिति में बाएं हाथ के ऑलराउंडर अक्षर पटेल को भी विकल्प के तौर पर देखा जा सकता है। वे टी20 में भारत के लिए अहम खिलाड़ी रहे हैं और घरेलू क्रिकेट में कप्तानी का अनुभव भी रखते हैं। उनका ऑलराउंड प्रदर्शन उन्हें एक भरोसेमंद विकल्प बनाता है।
क्या कहता है समय?
फिलहाल सबकी नजर सूर्यकुमार यादव की फिटनेस रिपोर्ट पर टिकी है। अगर वे समय रहते फिट हो जाते हैं, तो कप्तानी को लेकर सभी सवाल स्वत: खत्म हो जाएंगे। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता, तो टीम मैनेजमेंट को इन विकल्पों में से किसी एक पर भरोसा जताना ही होगा।