
अनिल अंबानी की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की पूछताछ के बाद अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने भी 17,000 करोड़ रुपये के कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई शुरू की है। शनिवार सुबह करीब 7 बजे से सीबीआई की टीम ने मुंबई स्थित कफ परेड सीविंड अपार्टमेंट में अनिल अंबानी के घर पर छापेमारी की। इस दौरान अनिल अंबानी और उनका परिवार भी घर पर मौजूद थे।
CBI की कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई अधिकारी अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। खास तौर पर यस बैंक और अंबानी की कंपनियों के बीच हुए लेन-देन से जुड़े कागजात तलाशे जा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि तलाशी का मकसद बैंक लोन की हेराफेरी से जुड़े सबूत जुटाना है।
सीबीआई ने हाल ही में रिलायंस कम्युनिकेशंस के प्रमोटर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एजेंसी का दावा है कि इस कथित धोखाधड़ी से एसबीआई को 2000 करोड़ रुपये का नुकसान भी हुआ।
ED की जांच से जुड़ा मामला
इससे पहले ईडी ने भी अनिल अंबानी से पूछताछ की थी और रिलायंस ग्रुप की कई कंपनियों व सहयोगियों के ठिकानों पर छापे मारे थे।
-
24 जुलाई को मुंबई समेत देशभर में 50 कंपनियों और 25 व्यक्तियों से जुड़े ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी।
-
ईडी की जांच में यह सामने आया कि कई कंपनियों को बिना सत्यापित सोर्स के लोन जारी हुए।
-
कई लोन फाइलों में जरूरी दस्तावेज ही नहीं थे।
-
एक ही पते और डायरेक्टर वाली कंपनियों को लोन की मंजूरी दी गई।
-
पुराने कर्ज को चुकाने के लिए नए लोन लिए गए।
सीबीआई ने छापेमारी से पहले इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की थीं। जांच एजेंसी का आरोप है कि वित्त वर्ष 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने अनिल अंबानी की कंपनियों को अवैध तरीके से लोन ट्रांसफर किए।
सूत्रों का कहना है कि इन लोन की मंजूरी से पहले यस बैंक के प्रमोटर्स को अंबानी समूह से जुड़े लेन-देन में मोटा लाभ मिला था। इसी आधार पर रिश्वत और आपसी मिलीभगत की जांच भी जारी है।
ईडी की छापेमारी और पूछताछ के बाद अब सीबीआई की सक्रियता से साफ है कि अनिल अंबानी के सामने कानूनी चुनौतियां और भी बढ़ सकती हैं। फिलहाल दोनों एजेंसियां पैसों के प्रवाह, दस्तावेजों और संदिग्ध कंपनियों की गतिविधियों को खंगाल रही हैं।