Health News: चॉकलेट सप्लीमेंट्स से उम्र बढ़ाने और हृदय रोग से मौत का खतरा कम, नई स्टडी में खुलासा, जानें कैसे लें फायदा
नई रिसर्च, चॉकलेट के सप्लीमेंट्स बढ़ा सकते हैं उम्र, दिल की बीमारियों से बचाएंगे।

Health News: चॉकलेट प्रेमियों के लिए एक अच्छी खबर है। वैज्ञानिकों की नई रिसर्च से पता चला है कि चॉकलेट के सप्लीमेंट्स उम्र बढ़ाने और दिल की बीमारियों से होने वाली मौत को रोकने में मदद कर सकते हैं। इसमें मौजूद कोको फ्लेवेनॉल नामक तत्व मुख्य भूमिका निभाते हैं। यह खोज हृदय स्वास्थ्य को मजबूत बनाने और बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करने के लिए एक सरल तरीका बता रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि रोजाना थोड़ी मात्रा में ये सप्लीमेंट्स लेने से शरीर की कोशिकाएं स्वस्थ रहती हैं। लेकिन इसे संतुलित तरीके से इस्तेमाल करें, वरना चीनी की वजह से नुकसान हो सकता है।
यह स्टडी अमेरिकी वैज्ञानिकों ने की है, जिसमें हजारों लोगों पर लंबे समय तक निगरानी रखी गई। रिसर्च से साबित हुआ कि कोको फ्लेवेनॉल रक्त वाहिकाओं को लचीला बनाते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है। इससे हार्ट अटैक का जोखिम 20-30 फीसदी तक कम हो सकता है। बुजुर्गों में यह तत्व मांसपेशियों की ताकत बनाए रखने में भी कारगर साबित हुआ। स्टडी में पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से कोको आधारित सप्लीमेंट्स लेते हैं, उनकी उम्र 2-3 साल ज्यादा बढ़ सकती है। यह खोज उन लोगों के लिए वरदान है जो स्वस्थ लंबी जिंदगी चाहते हैं।
कोको फ्लेवेनॉल कैसे काम करता है?
कोको फ्लेवेनॉल एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट है, जो चॉकलेट के कच्चे बीन्स से मिलता है। यह शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ता है, जो बुढ़ापे का मुख्य कारण होते हैं। रिसर्च में देखा गया कि रोज 500 मिलीग्राम फ्लेवेनॉल लेने से हृदय की कार्यक्षमता 15 फीसदी बेहतर हो जाती है। इससे कोलेस्ट्रॉल कम होता है और रक्त प्रवाह सुचारू रहता है। लेकिन याद रखें, दूध वाली चॉकलेट में ये तत्व कम होते हैं। डार्क चॉकलेट या शुद्ध कोको पाउडर ज्यादा फायदेमंद है।
स्टडी में 50 से 70 साल के 1,000 से ज्यादा वॉलंटियर्स शामिल थे। आधे को सप्लीमेंट्स दिए गए, जबकि बाकी को प्लेसिबो। एक साल बाद हार्ट हेल्थ चेकअप में सप्लीमेंट लेने वालों में मौत का खतरा 25 फीसदी कम पाया गया। वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया कि इसे डाइट में शामिल करें, लेकिन डॉक्टर की सलाह से।
हृदय स्वास्थ्य के लिए टिप्स
सप्लीमेंट्स कैसे चुनें?
मार्केट में कई कोको फ्लेवेनॉल कैप्सूल उपलब्ध हैं। 200-500 मिलीग्राम वाली चुनें। इसे सुबह नाश्ते के साथ लें। लेकिन डायबिटीज वाले सावधान रहें, क्योंकि इसमें शुगर हो सकती है।
रोजाना डाइट में शामिल करें
डार्क चॉकलेट (70 फीसदी कोको वाली) हफ्ते में 2-3 बार खाएं। कोको टी या स्मूदी भी अच्छा विकल्प है। व्यायाम और संतुलित भोजन के साथ मिलाकर इस्तेमाल करें।
सावधानियां बरतें
ज्यादा मात्रा से वजन बढ़ सकता है। गर्भवती महिलाएं डॉक्टर से पूछें। स्टडी में कोई साइड इफेक्ट नहीं पाया गया, लेकिन व्यक्तिगत सलाह जरूरी है। यह खोज स्वास्थ्य जगत में नई बहस छेड़ रही है। चॉकलेट को अब सिर्फ स्वाद के लिए नहीं, बल्कि दवा के रूप में देखा जा रहा है। अगर आप हार्ट हेल्थ पर ध्यान देते हैं, तो कोको फ्लेवेनॉल को आजमाएं। लेकिन याद रखें, कोई जादू की गोली नहीं, संतुलित जीवनशैली ही कुंजी है। स्वस्थ रहें, लंबा जिएं।