IRCTC घोटाले में लालू परिवार पर चलेगा मुकदमा, JDU बोली – ‘पाप की दुर्गति तय’, चुनाव से पहले बढ़ी सियासी हलचल

- पटना: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए IRCTC (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) घोटाले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव समेत सभी 14 आरोपियों पर मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ “प्रथम दृष्टया मामला बनता है” और भूमि हस्तांतरण में गंभीर अनियमितताओं के संकेत मिले हैं।
कोर्ट ने लालू यादव पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(d) और 13(2), जबकि राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर IPC की धारा 120B और 420 के तहत आरोप तय किए हैं।
लालू परिवार ने कहा – निर्दोष हैं, करेंगे मुकदमे का सामना
न्यायाधीश विशाल गोगने के सामने आरोप पढ़े जाने पर लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने खुद को निर्दोष बताया और मुकदमे का सामना करने की बात कही। यह फैसला बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आया है, जिससे राज्य की राजनीति में नई हलचल मच गई है। चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे।
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “लालू यादव ने नौकरी देने के नाम पर अपने भाई और ससुराल पक्ष से जमीनें लिखवा लीं। आज पटना के सबसे बड़े जमींदार तेजस्वी यादव हैं। जिसने जैसा पाप किया है, उसे वैसी दुर्गति भुगतनी ही पड़ेगी।” उन्होंने कहा कि अगर लालू परिवार को केस की टाइमिंग पर सवाल है, तो वे अदालत में अपनी बात रखें।
सीबीआई के अनुसार, लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान (2004–2009) रांची और पुरी के BNR होटलों का संचालन सुझाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को अवैध रूप से सौंपा गया। इसके बदले लालू परिवार से जुड़ी बेनामी कंपनी के नाम कीमती जमीनें हस्तांतरित की गईं। एजेंसी ने कहा कि निविदा प्रक्रिया में हेरफेर कर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया गया।
लालू यादव के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि वे इस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे। इस बीच जेडीयू और बीजेपी इसे भ्रष्टाचार पर न्याय की जीत बता रही हैं, जबकि आरजेडी इसे राजनीतिक षड्यंत्र बता रही है। चुनावी माहौल में यह केस लालू परिवार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।