नेशनल प्रेस डे 2025: “सच की कलम” आज भी जिंदा है या डिजिटल शोर में खो गई?
16 नवंबर की सुबह। एक पुराना अखबार वाला चाचा साइकिल पर चिल्लाया, “पेपर लो!” आपने फोन उठाया – स्क्रॉल किया, 10 हेडलाइंस, 5 फेक न्यूज़। प्रेस की आजादी का दिन – लेकिन क्या आज प्रेस सचमुच आजाद है? या वो कलम अब क्लिकबेट की गुलाम बन गई है?
डेस्क:1966 में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया बना – ताकि मीडिया “लोकतंत्र का चौथा स्तंभ” बने। आज? 3000+ न्यूज़ चैनल, लाखों यूट्यूबर्स, अनगिनत पोर्टल। लेकिन प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2025 में भारत 162वें स्थान पर।
आज प्रेस की 3 बड़ी चुनौतियां:
- फेक न्यूज़ का तूफान: एक वीडियो वायरल – 10 लाख शेयर, बाद में पता चला AI जनरेटेड।
- प्रेशर पॉलिटिक्स: विज्ञापन रोकना, केस ठोकना – पत्रकार चुप।
- डिजिटल गुलामी: TRP, व्यूज, अल्गोरिदम – सच से ज्यादा सेंसेशन।
RSF रिपोर्ट: पिछले 5 साल में 120+ पत्रकारों पर हमले। याद है गौरी लंकेश? वो सच की कीमत थी।
सोचिए: अगर कल सुबह अखबार न आए… तो क्या आप सच जान पाएंगे?
वो कहानी जो हर पत्रकार की डायरी में छिपी है – “रात की कॉल”
अभय, 35 साल। छोटे शहर का रिपोर्टर। एक भ्रष्टाचार की स्टोरी पर काम कर रहा था। रात 1 बजे फोन: स्टोरी मत छापो, वरना –अभय ने छापी। अगले दिन पुलिस स्टेशन। केस: “साम्प्रदायिक तनाव फैलाना”। अभय की आखिरी पोस्ट: “मैं डर गया था… लेकिन सच से ज्यादा डर नहीं लगता।”
आज अभय जेल में। लेकिन उसकी स्टोरी? 10 लाख लोगों ने पढ़ी।
आपका सबकॉन्शियस अभी कह रहा है: “क्या मैं भी सच बोलने की हिम्मत रखता हूँ?”
प्रेस को बचाने के 3 कदम – आज से शुरू
प्रेस डे सिर्फ सेलिब्रेशन नहीं, जिम्मेदारी है।
करें ये 3 काम:
- फेक न्यूज़ चेक करें
- सच्ची पत्रकारिता सपोर्ट
- आवाज उठाएं – सोशल मीडिया पर #SavePress ट्रेंड करें।
सरकार का रोल: प्रेस काउंसिल को मजबूत करें। पत्रकार सुरक्षा कानून लाएं।
याद रखें: प्रेस मरेगा, तो लोकतंत्र मरेगा।
निष्कर्ष
आज रात एक सवाल खुद से पूछिए: “मैंने आखिरी बार कब सच की खबर शेयर की? 16 नवंबर सिर्फ दिन नहीं – वो कलम है जो अभी भी लिख रही है। चलो, आज प्रेस को बचाएं – क्योंकि सच हमारा हक है।
FAQ
Q1: नेशनल प्रेस डे कब मनाया जाता है? हर साल 16 नवंबर – प्रेस काउंसिल की स्थापना के दिन।
Q2: भारत में प्रेस फ्रीडम की स्थिति? 2025 में 162वें स्थान पर – दबाव बढ़ रहा है।
Q3: मैं कैसे मदद कर सकता हूँ? फेक न्यूज़ रिपोर्ट करें, सच्ची मीडिया को सपोर्ट करें।



