गोपालगंज में सड़क हादसे के बाद बवाल!-गुस्साए लोगों ने पुलिस की गाड़ी फूंकी
“तेज़ रफ्तार पिकअप से युवक की मौत के बाद भड़का गुस्सा — भीड़ ने किया पथराव, पुलिस वाहन में लगाई आग; प्रशासन ने हालात काबू में करने के लिए तैनात किए अतिरिक्त बल।”
डेस्क:बिहार के गोपालगंज ज़िले में शनिवार देर शाम एक सड़क हादसे के बाद हालात बेकाबू हो गए। हादसे में एक युवक की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया और गुस्से में आकर पुलिस की गाड़ी में आग लगा दी।घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया है, और पुलिस बल की अतिरिक्त टुकड़ियाँ मौके पर तैनात कर दी गई हैं।
कैसे हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार, गोपालगंज के उचकागांव थाना क्षेत्र के पास यह घटना उस समय हुई जब एक तेज़ रफ्तार पिकअप वैन ने सड़क पार कर रहे 25 वर्षीय युवक को टक्कर मार दी।युवक की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के तुरंत बाद चालक वाहन छोड़कर फरार हो गया।
मृतक की पहचान राकेश कुमार (उम्र 25 वर्ष) के रूप में हुई है, जो पास के ही गांव का रहने वाला था।
लोगों का गुस्सा फूटा, पुलिस पर पथराव
हादसे के कुछ ही मिनटों में दर्जनों ग्रामीण मौके पर जमा हो गए। उन्होंने सड़क जाम कर दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाज़ी शुरू कर दी।जब पुलिस की टीम ने हालात काबू में लाने की कोशिश की, तो भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया।स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, लेकिन गुस्साए लोगों ने एक पुलिस वाहन में आग लगा दी।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया —
“लोगों का गुस्सा इस बात पर था कि सड़क पर लगातार हादसे हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा। इस बार सब्र टूट गया।”
फायर ब्रिगेड और प्रशासन हरकत में
आग लगने की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और पुलिस वाहन में लगी आग पर काबू पाया।
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने भी घटना स्थल का दौरा किया और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। पुलिस ने कहा कि मुख्य आरोपी चालक की पहचान कर ली गई है, और जल्द ही उसकी गिरफ्तारी होगी।
गोपालगंज SP ने कहा —
“हादसे में एक व्यक्ति की मौत दुखद है, लेकिन कानून हाथ में लेने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती। दोषियों की पहचान की जा रही है।”
इलाके में तनाव, भारी पुलिस बल तैनात
घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव बना हुआ है।
रातभर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति पर नज़र रखी। रविवार सुबह भी पुलिस बल की तैनाती जारी रही ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
ग्रामीणों का आरोप है कि इस क्षेत्र में सड़क पर स्ट्रीट लाइट और स्पीड ब्रेकर न होने से लगातार हादसे हो रहे हैं, लेकिन कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाया जा रहा।
स्थानीय लोगों की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि —
- मृतक के परिवार को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए,
- हादसे के जिम्मेदार चालक को तुरंत गिरफ्तार किया जाए,
- और सड़क पर सुरक्षा उपाय (जैसे स्पीड ब्रेकर व संकेत बोर्ड) लगाए जाएँ।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
घटना ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है।
स्थानीय नेताओं ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि “जनता का आक्रोश उनकी पीड़ा की आवाज़ है।”
वहीं, सत्ताधारी दल के प्रतिनिधियों ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दी जाएगी।
निष्कर्ष
गोपालगंज की यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि सड़क सुरक्षा सिर्फ ट्रैफिक नियमों का विषय नहीं, बल्कि प्रशासनिक ज़िम्मेदारी भी है। जहाँ एक ओर हादसे में एक निर्दोष युवक की जान गई, वहीं दूसरी ओर भीड़ का गुस्सा हिंसा में बदल गया — जिसने हालात को और बिगाड़ दिया।



